काशी विश्वनाथ धाम का गेट नंबर-4 बंद;मंदिर प्रशासन ने कहा- वहां से सिर्फ वीआईपी एंट्री,

KHABREN24 on September 25, 2022
काशी विश्वनाथ धाम का गेट नंबर-4 बंद;मंदिर प्रशासन ने कहा- वहां से सिर्फ वीआईपी एंट्री,

वाराणसी स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का मुख्य द्वार कहलाने वाला गेट नंबर-4 (गोदौलिया-मैदागिन मार्ग पर स्थित) श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए अचानक बंद कर दिया गया है। इस बारे में मंदिर प्रशासन की ओर से बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए कोई सूचना भी सार्वजनिक नहीं की गई है।

इस संबंध में पूछे जाने पर मंदिर प्रशासन के अधिकारी कुछ कहने को तैयार भी नहीं है। मंदिर प्रशासन से जुड़े कर्मचारियों को कुरेदने पर सिर्फ यही बात सामने आई कि अब गेट नंबर-4 से सिर्फ वीआईपी एंट्री होगी और उसका इस्तेमाल इमरजेंसी सर्विस के लिए होगा। श्रद्धालु मंदिर चौक तक मोबाइल लेकर अंदर जा सकें, इसका ट्रॉयल भी चल रहा है।

आम श्रद्धालु गेट नंबर-4 की बगल की गली से जाएंगे। गेट नंबर-4 आम श्रद्धालुओं के लिए बंद ही रहेगा। वहीं, कमिश्नरेट की पुलिस का कहना है कि हमें इस संबंध में कुछ नहीं पता है।

श्रद्धालु अब गेट नंबर-4 के समीप की गली से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश कर रहे हैं।

श्रद्धालु अब गेट नंबर-4 के समीप की गली से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश कर रहे हैं।

एडीसीपी सिक्योरिटी डीजीपी ऑफिस से संबद्ध हुए

बाबा विश्वनाथ के मंदिर से जुड़े लोगों ने दबी जुबान कहा कि पुलिस और प्रशासन के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तीन-चार दिन पहले दिल्ली से कोई श्रद्धालु आए थे। उन्हें किसी तीर्थ पुरोहित ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन कराया और 5000 रुपए ऐंठ लिया। वह श्रद्धालु दर्शन-पूजन के बाद दिल्ली वापस लौटे तो उन्होंने ट्वीट कर दिया। उनके ट्वीट पर दिल्ली से लखनऊ तक हंगामा हुआ। मंदिर प्रशासन के अफसर और पुलिस आमने-सामने आ गए। हंगामे के बीच ही एडीसीपी सिक्योरिटी अजय कुमार सिंह डीजीपी ऑफिस से संबद्ध कर दिए गए।

शनिवार की शाम से ही गेट नंबर-4 बंद है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन की ओर से कोई सूचना भी नहीं जारी की गई है।

शनिवार की शाम से ही गेट नंबर-4 बंद है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन की ओर से कोई सूचना भी नहीं जारी की गई है।

प्रोटोकॉल का अधिकार मंदिर प्रशासन के पास

विश्वनाथ मंदिर में प्रोटोकॉल का मामला भी पुलिस की बजाय अब मंदिर प्रशासन के पास है। इसे लेकर पुलिस अफसरों का दबी जुबान कहना है कि मंदिर प्रशासन प्राइवेट सिक्योरिटी को यहां हावी करना चाह रहा है। वहीं, मंदिर प्रशासन के कर्मचारियों का कहना है कि प्रोटोकॉल की आड़ में पुलिस मनमानी कुछ ज्यादा ही करती थी।

अब सब कुछ नियमानुसार मंदिर प्रशासन की मंशा अनुरूप ही चलेगा। मंदिर प्रशासन की ओर से बताया गया कि गेट नंबर-4 के बगल की गली के साथ ही गेट नंबर-2 सरस्वती द्वार, गेट नंबर-1 ढुंढिराज द्वार, नंदू फारिया गली और ललिता घाट यानी गंगा द्वार से श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के धाम से आ सकते हैं। गेट नंबर-3 नीलकंठ गली मंदिर से बाहर निकलने के साथ ही इमरजेंसी सर्विस के लिए है।

श्रद्धालु शनिवार की शाम भी गेट नंबर-4 की बगल की गली से बाबा विश्वनाथ के धाम में प्रवेश कर रहे थे। सुरक्षा का जिम्मा प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड संभाल रखे थे।

श्रद्धालु शनिवार की शाम भी गेट नंबर-4 की बगल की गली से बाबा विश्वनाथ के धाम में प्रवेश कर रहे थे। सुरक्षा का जिम्मा प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड संभाल रखे थे।

बाबा दरबार का मुख्य द्वार बंद रहना ठीक नहीं

बाबा विश्वनाथ के धाम का मुख्य द्वार यानी गेट नंबर-4 का बंद रहना श्रद्धालुओं को भी रास नहीं आ रहा है। रविवार की सुबह बाबा दरबार में मत्था टेकने पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि इतना बड़ा गेट बंद रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं बनवाया है।

देखने में भी यह अच्छा नहीं लग रहा है कि मंदिर का विशालकाय गेट बंद है। बात ऊपर तक पहुंचाई जाएगी और अनुरोध किया जाएगा कि दिव्य-भव्य बाबा विश्वनाथ के धाम का मुख्य द्वार पहले जैसे ही खुला रखा जाए।

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Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
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