भिलाई नगर सीएसपी सर्किल के पांच थाने और एक पुलिस चौकी में पब्लिक फीडबैक के लिए लगाए गए क्यूआर कोड ने एक थानेदार की पोल खोल दी। क्यूआर कोड स्कैन करके गुगल डॉक्स के माध्यम से एक पीड़ित ने अपनी शिकायत में लिखा है कि साहब इस थानेदार को समझाओ, वर्दी का रौब दिखाता है, तमीज से बात नहीं करते हैं।
इसके साथ कई फीडबैक फाॅर्म भरने वालों ने मॉडिफाइड बुलट, गाड़ी में काली फिल्म लगाकर चलाने वाले, थाने में शिकायत नहीं लेने, एफआईआर दर्ज नहीं करने, मोबाइल गुमने की रिपोर्ट लिखने के लिए पैसों की मांग करने, शिकायत की रिसीविंग पर्ची, मोहल्ले में बदमाशी करने वालों की जानकारी, बिना नंबर प्लेट के गाड़ी चलाने वालों की शिकायत की है।
यही नहीं शिकायतों के साथ कुछ पीड़ितों ने सुझाव भी दिए है। इसमें वीडियो अपलोड करने की सुविधा बढ़ाने के साथ अच्छा प्रयास के लिए सराहना भी है। 2 नवंबर को सुपेला, भिलाई नगर, वैशाली नगर, नेवई, भट्ठी और स्मृति नगर पुलिस चौकी में फीडबैक सिस्टम के लिए क्यूआर कोड लगाया गया था। 74 दिनों में करीब 45 लोगों ने कोड स्कैन करके फीडबैक दिया है। पुलिस ने इसे प्रयोग के रूप में शुरू किया था। इस दौरान थाने में लोगों द्वारा लगातार इस तरह की शिकायतें की जा रही है।
वैशाली नगर थाने में सबसे ज्यादा फीडबैक आ रहे
सीएसपी निखिल राखेचा ने बताया कि सबसे ज्यादा वैशाली नगर थाने से फीडबैक मिला है। उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि वैशाली नगर थाने के वेटिंग एरिया में क्यूआर कोड लगाया गया था। जबकि बाकी थाने और चौकी में थाने के बाहर लगाया गया था। वेटिंग एरिया में इंतजार करने के दौरान ज्यादातर लोगों ने फीडबैक दिया है। अब सभी थानों में वेटिंग एरिया में क्यूआर कोड को लगवा दिया गया है। थानों के साथ अब पब्लिक प्लैस,मार्केट एरिया और स्मृति नगर स्थित मॉल में भी क्यूआर कोड लगाया जाएगा।
क्यूआर कोड स्कैन करते ही खुलेगा गूगल फाॅर्म
सीएसपी के मुताबिक यह क्यूआर कोड पुलिस फीडबैक सिस्टम के लिए तैयार किया गया है। क्यूआर कोड स्कैन करते ही एक गुगल फार्म खुलेगा। फार्म में जानकारी भरने में महज 2 मिनट लगेगा। फीडबैक सिस्टम स्कैन करने में कोई पैसा नहीं लगेगा। क्यूआर कोड के जरिए थाने में आने वाले पीड़ित से थाने में आने का कारण,अनभव कैसा रहा,आरक्षक से लेकर थानेदार ने कैसा व्यवहार किया,शिकायत सुनने में कितना वक्त लगा,कितनी बार आने के बाद काम हुआ,शिकायतें या सुझाव,नाम और मोबाइल नंबर की जानकारी देना होता है।
सुनवाई में वक्त लगने की ज्यादा शिकायतें हो रही
सीएसपी के मुताबिक अब तक जो शिकायतें मिली है उनके विश्लेषण से पता चला है कि सुनवाई होने में थानों में 1 घंटा का वक्त लग रहा है। इसे सुधारने के लिए सभी थानेदारों को कहा गया है। इलेक्ट्रानिक शोरुम और मुंबई पुलिस के फीडबैक सिस्टम देखने के बाद यहां पर लागू किया गया है। फीडबैक फार्म भरने वालों से सीएसपी ऑफिस संपर्क करता है। इसके बाद उनकी शिकायत और फीडबैक के आधार पर आगे की कार्रवाई करता है। जिससे थाने में आने वाले पीड़ितों की समस्या को 15 दिनों में पूरी तरह समाप्त किया जा सके।