माघ मेला में साधु, संतों और संस्थाओं को भूमि आवंटन 21 दिसंबर से शुरू होगा। किन संस्थानों को किस डेट में भूमि आवंटन होगा इसकी डेट शीट प्रशासन ने बुधवार को जारी कर दी है।
21 वा 22 को दंडी स्वामी नगर और दंडी बाड़ा को भूमि आवंटन
प्रभारी अधिकारी (माघ मेला) ने बताया है कि 21 और 22 दिसंबर को दण्डी स्वामी नगर, दण्डी बाड़ा मार्ग में भूमि का आवंटन किया जायेगा। इसी प्रकार 23 व 24 को खाकचैक, 26 व 27 को आचार्य स्वामी नगर (आचार्य बाड़ा), 28 को संगम लोवर मार्ग, संगम अपर मार्ग और सरस्वती मार्ग, महावीर जी मार्ग, 29 दिसंबर को अन्नपूर्णा मार्ग, 30 दिसंबर को तुलसी मार्ग और जीटी रोड़, 31 दिसंबर को त्रिवेणी मार्ग, 1 जनवरी 2024 को रामानुज मार्ग, 2 जनवरी को काली मार्ग, गंगोली शिवाला मार्ग, सेक्टर-1 एवं 2, परेड, शास्त्री गाटा, कबीर नगर, 3 जनवरी समुद्रकूप मार्ग एवं इण्टरलाॅकिंग मार्ग सेक्टर 3, हरिश्चन्द्र मार्ग, अरैल, समयामाई मार्ग, सूरदास मार्ग, गाटा मार्ग एवं अन्य संस्थाओं के लिए भूमि का आवंटन किया जायेगा।
आधार और फोटो देना अनिवार्य
प्रभारी अधिकारी (माघ मेला) ने बताया है कि सुविधा पर्चियों की प्राप्ति हेतु पहचानयुक्त फोटो एवं आधार कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया है कि अपरिहार्य परिस्थितियों में उपरोक्त तिथियों में परिवर्तन सम्भव है। कहा है कि जिन संस्थाओं/प्रयागवालों द्वारा विगत वर्ष कुम्भ/महाकुम्भ/माघ मेला अथवा अन्य किसी वर्षों में टिन, टेण्टेज, फर्नीचर की सुविधायें प्राप्त कर वापस नहीं की गयी है, उन्हें वर्तमान वर्ष में किसी भी प्रकार की भूमि एवं सुविधा देय नहीं होगी। प्रत्येक शिविर धारक को मेले की सम्पूर्ण अवधि (माघी पूर्णिमा) तक शिविर बनाये रखना अनिवार्य होगा। सुविधा पर्ची, भूमि आवंटन के 02 दिन के पश्चात निर्गत की जायेगी।
साधु संतों ने शुरू को बैठक
माघ मेले के लिए जमीन आवंटन 21 दिसंबर से होगा। जमीन आवंटन में कोई परेशानी न हो इसके लिए साधु-संतों की बैठक शुरू हो गई। श्रीरामानुज नगर प्रबंध समिति आचार्य बाड़ा के साधु-संतों ने मंगलवार को बैठक कर जरूरी प्रस्ताव पास किए।
इस दौरान तय किया गया कि आचार्य बाड़ा को रेलवे पुल से तीन गाटा पूर्व जमीन दी जाए। इसके साथ ही आचार्य बाड़ा क्षेत्र में ओल्ड जीटी चौराहे पर प्रशासन का कार्यालय बनाया जा रहा है। दो साल से बन रहे इस कार्यालय के कारण समस्या हो रही है। संतों ने मेलाधिकारी को पत्र भेजकर इस जमीन को न देने की मांग उठाई है। बैठक की अध्यक्षता स्वामी घनश्यामाचार्य ने की। बैठक में कई धर्माचार्यों ने अपने अपने विचार रखे।