कांग्रेस सांसद राहुल गांधी या उनके वकील शुक्रवार को भी वाराणसी कोर्ट नहीं पहुंचे। इस वजह से उनके मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। अब 18 दिसंबर को सुनवाई होगी। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) यजुर्वेद विक्रम सिंह ने कहा कि अगली सुनवाई (18 दिसंबर) पर राहुल गांधी या उनके वकील कोर्ट आएं। जिससे सुनवाई हो सके।
राहुल गांधी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में ब्राउन यूनिवर्सिटी में भगवान राम को काल्पनिक कहने का आरोप है। इस मामले में वकील हरिशंकर पांडेय ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है।

अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी पर भगवान राम को काल्पनिक कहने का आरोप है।
दावा- 21 अप्रैल को ब्राउन यूनिवर्सिटी में राम को काल्पनिक कहा था एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने 12 मई को याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने दावा किया था कि राहुल गांधी 21 अप्रैल को अमेरिका के बोस्टन गए थे। यहां पर ब्राउन यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के साथ उनका एक सेशन था।
यहां राहुल ने भगवान श्रीराम को लेकर विवादित बयान दिए थे। उन्होंने भगवान राम को ‘पौराणिक’ बताया था। साथ ही उस युग पर बताई जाने वाली कहानियों को काल्पनिक कहा था। हरिशंकर पांडेय ने दाखिल परिवाद में आरोप लगाया कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी लगातार सनातन धर्म के पूर्व अवतारों और महान प्रतीकों पर अनाप-शनाप बयान देकर हिंदुओं को अपमानित कर रही।
कोर्ट में याचिकाकर्ता की मेंटेनिबिलिटी (मानसिकता) पर पहले बहस होगी इसके बाद तय होगा कि राहुल गांधी के खिलाफ केस चलाया जाए या नहीं।
17 मई को पहली याचिका, फिर 26 सितंबर को रिवीजन पिटीशन हरिशंकर पांडेय ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) की अदालत में परिवाद दायर किया था। सुनवाई बाद विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) की अदालत ने परिवाद को 17 मई, 2025 को निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ हरिशंकर पांडेय ने 26 सितंबर को जिला जज की कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
एडवोकेट बोले- राहुल गांधी ‘राम द्रोही’ हैं हरिशंकर पांडेय ने कहा- राहुल गांधी ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाकर देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। राहुल गांधी ‘राम द्रोही’ हैं। उनकी सरकार ने राममंदिर का विरोध किया। इसके बाद वह विदेश में जाकर भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे।
वकील ने कोर्ट से मांग करते हुए कहा- राहुल के इन स्टेटमेंट पर केस दर्ज किया जाए। जिला और सत्र न्यायालय की MP-MLA कोर्ट ने आवेदन देखने के बाद एडवोकेट को 19 मई डेट दी थी। इस दिन सुनवाई हुई और कोर्ट ने ऑर्डर रिजर्व रख लिया था।
राहुल ने कहा था- BJP का दृष्टिकोण नफरत फैलाने वाला राहुल गांधी से पूछा गया था कि हिंदू राष्ट्रवाद के दौर में धर्मनिरपेक्ष राजनीति कैसी होनी चाहिए? क्या महात्मा गांधी के विचारों को इसके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है? जवाब में राहुल गांधी ने कहा था- भारत के सभी महान सुधारक और विचारक, जैसे बुद्ध, गुरु नानक, गांधी और अंबेडकर बिना भेदभाव के रहे। ये लोग क्षमाशील, दयालु और सहिष्णु थे। लेकिन, भाजपा का दृष्टिकोण हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं, नफरत फैलाने वाला है।