एप्पल को-फाउंडर की पत्नी लारेन पॉवेल महाकुंभ में कल्पवास करेंगी:गुरु ने कमला नाम रखा; काशी में एकटक बाबा विश्वनाथ को निहारती रहीं

KHABREN24 on January 12, 2025
एप्पल को-फाउंडर की पत्नी लारेन पॉवेल महाकुंभ में कल्पवास करेंगी:गुरु ने कमला नाम रखा; काशी में एकटक बाबा विश्वनाथ को निहारती रहीं

एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लारेन पॉवेल जाब्स शनिवार को वाराणसी पहुंचीं। गंगा में नौकायन के बाद गुलाबी सूट और सिर पर दुपट्‌टा डालकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। शाम की गंगा आरती में भी शामिल हो सकती हैं।

लारेन पॉवेल 13 जनवरी को काशी से प्रयागराज जाएंगी। महाकुंभ में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में रुकेंगी। 10 दिन कल्पवास करेंगी। साधुओं की संगत में रहकर सनातन, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति के बारे में जानेंगी।

उनके गुरु स्वामी कैलाशानंद महाराज ने बताया- पॉवेल यहां पूजन, ध्यान, तप साधना करेंगी। हमने उनको अपना गोत्र दिया है। उनका नाम पॉवेल से बदलकर कमला रखा गया है। वह हमारे लिए बेटी की तरह हैं। विश्व की सबसे धनी महिलाओं में स्टीव जॉब्स शामिल हैं।

वाराणसी पहुंचकर पॉवेल ने काशी का भ्रमण किया।

वाराणसी पहुंचकर पॉवेल ने काशी का भ्रमण किया।

बाबा विश्वनाथ को एकटक निहारती रहीं पॉवेल पॉवेल की यात्रा को लेकर आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा- काशी पहुंचने के बाद लारेन पावेल जाब्स ने भारतीय परिवेश में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचीं। इस दौरान वह एकटक बाबा को निहारती रहीं। उन्हें बाबा विश्वनाथ के धाम की जानकारी दी गई।

लारेन पॉवेल ने गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का आशीर्वाद लिया। सनातन धर्म में गैर हिंदू शिवलिंग का स्पर्श नहीं करते, इस बात का ध्यान रखते हुए उन्होंने बाहर से ही दर्शन किया है।

पेशवाई में शामिल हो सकती हैं पॉवेल कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा- पॉवेल दूसरी बार भारत आई हैं। कुंभ में सभी का स्वागत है। यह उनका निजी कार्यक्रम है। वह अपने गुरु का दर्शन करने आ रही हैं।

हम कोशिश करेंगे कि पॉवेल अखाड़े की पेशवाई में भी शामिल हों। हालांकि शामिल होना न होना उनके ऊपर निर्भर करता है। जो लोग हमारी परंपराओं के बारे में ज्यादा नहीं जानते, वो लोग बहुत कुछ सीखना चाहते हैं।

स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने पॉवेल की यात्रा को लेकर विस्तार से जानकारी दी।

स्टीव जॉब्स के परिवार का अध्यात्म से पुराना नाता स्टीव जॉब्स को बचपन से ही आध्यात्म में रुचि थी। बाबा नीम करौली में स्टीव की अगाध आस्था थी। वह उन्हें अपना गुरु मानते थे। वह 1970 के दशक में सात महीने के लिए आध्यात्मिक एकांतवास पर भारत आए थे। नैनीताल स्थित कैंची धाम भी गए थे। दिवंगत पति स्टीव की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म से खास जुड़ाव रखती हैं।

जानिए क्या है कल्पवास? कल्पवास एक तरह का व्रत है। जिसमें व्यक्ति एक निश्चित अवधि के लिए विशेष नियमों का पालन करते हुए साधना करता है। कुंभ मेले में कल्पवास का अर्थ है कि श्रद्धालु संगम के तट पर निवास करते हुए वेदों का अध्ययन और ध्यान करें। माना जाता है कि कल्पवास करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गंगा में कल्पवास करते संत।

गंगा में कल्पवास करते संत।

कुंभ मेला में क्यों होता है कल्पवास? ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ मेले के दौरान रोजाना तीन बार गंगा स्नान करने से 10,000 अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। साथ ही इससे सभी पाप धुल जाते हैं और भगवान का पूर्ण आशीर्वाद मिलता है। कुछ भक्तों के परिवारों में कल्पवास की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी से चलती चली आ रही है। जिसका पालन वह आज भी करते हैं। यह बहुत कठोर व्रत है। इसका पालन करने से सब मनोकामना पूर्ण होती है।

कल्पवास व्रत करने के नियम

  • सादा भोजन – कल्पवास के दौरान व्यक्ति को सादा भोजन करना चाहिए।
  • निद्रा कम – व्यक्ति को कम सोना चाहिए।
  • वेदाध्ययन – व्यक्ति को वेदों का अध्ययन करना चाहिए।
  • ध्यान – व्यक्ति को नियमित रूप से ध्यान करना चाहिए।
  • संगम स्नान – व्यक्ति को रोजाना संगम में स्नान करना चाहिए।
  • ब्रह्मचर्य का पालन – व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • पिंतरों का पिण्डदान- नाम जप, सत्संग, सन्यासियों की सेवा करना चाहिए। दान-पुण्य जैसे शुभ कार्य करना चाहिए।
कुंभ में कल्पवास करते संत।

कुंभ में कल्पवास करते संत।

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर एकत्रित होंगे। महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू होगा और समापन 26 फरवरी को होगा। कुंभ के मुख्य स्नान अनुष्ठान (शाही स्नान) 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होंगे।

Shree Shyam Fancy
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S. R. HOSPITAL
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