डॉ. रामविलास वेदांती बोले-आडवाणी आंखों से देखें रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा:सीएम योगी गर्भगृह तक लाने की व्यवस्था करें; ट्रस्ट ने आने से मना किया था

KHABREN24 on December 21, 2023
डॉ. रामविलास वेदांती बोले-आडवाणी आंखों से देखें रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा:सीएम योगी गर्भगृह तक लाने की व्यवस्था करें; ट्रस्ट ने आने से मना किया था

राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के बयान पर विवाद के बीच विश्व हिंदू परिषद ने लालकृष्ण आडवाणी को रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या आने का आमंत्रण दिया है। इस बीच राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी रहे डॉ. रामविलास दास वेदांती ने कहा है कि आडवाणी को अयोध्या आना चाहिए।

DB से बातचीत में उन्होंने कहा, “अब जब रामलला अपनी जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं, तो आडवाणी को अपनी आंखों से रामलाला की प्राण प्रतिष्ठा देखनी चाहिए। सीएम योगी रामलला के गर्भगृह तक आडवाणी को लाने की व्यवस्था करें।”

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे डॉ. रामविलास वेदांती ने आडवाणी को अयोध्या बुलाने की बात कही है।

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे डॉ. रामविलास वेदांती ने आडवाणी को अयोध्या बुलाने की बात कही है।

दरअसल, चंपत राय ने सोमवार (18 दिसंबर) को लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से आग्रह किया था कि वे जनवरी में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या न आएं। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की उम्र काफी ज्यादा हो चुकी है। यहां ठंड भी ज्यादा है। इसलिए मैंने दोनों से निवेदन किया है कि समारोह में न आएं।

ट्रस्ट ने कहा कि दोनों वरिष्ठ हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे यह अनुरोध किया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। लालकृष्ण आडवाणी 96 साल के हैं और मुरली मनोहर जोशी जनवरी में 90 साल के हो जाएंगे।

तस्वीर 25 सितंबर 1990 की है, जब सोमनाथ मंदिर के दिग्विजय द्वार से राममंदिर आंदोलन के लिए रथयात्रा शुरू हुई थी।

तस्वीर 25 सितंबर 1990 की है, जब सोमनाथ मंदिर के दिग्विजय द्वार से राममंदिर आंदोलन के लिए रथयात्रा शुरू हुई थी।

डॉ. वेदांती बोले- राम मंदिर आंदोलन में आडवाणी का बड़ा योगदान
उन्होंने कहा, “राम मंदिर आंदोलन में हिंदुत्व जागरण में आडवाणी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उनको प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया है। इसका हम स्वागत करते हैं। मैं चाहता हूं कि जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही हो, उस समय यूपी सरकार खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आडवाणी को गर्भगृह तक लाने की व्यवस्था करें।

जब रामलला की स्थापना हो रही हो तब आडवाणी अपनी आंखों से रामलला को अपने सिंहासन पर विराजमान होते हुए देखें। यह अभिलाषा देश की नहीं, सम्पूर्ण विश्व के हिंदुओं की है। क्योंकि आडवाणी का योगदान रामजन्मभूमि आंदोलन मे बहुत बड़ा है। भाजपा को यहां तक पहुंचने के लिए अटल, आडवाणी और जोशी का बहुत बड़ा योगदान है।”

तस्वीर राम मंदिर आंदोलन के समय की है। मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल और लालकृष्ण आडवाणी के साथ विनय कटियार भी हैं।

तस्वीर राम मंदिर आंदोलन के समय की है। मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल और लालकृष्ण आडवाणी के साथ विनय कटियार भी हैं।

मंदिर बनाने के लिए जो लोगों ने किया वो अद्भुत
उन्होंने कहा, “भारत के लोगों ने रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए जो काम किया, वह अद्भुत है। अशोक सिंघल, मोरोपंत पिंगले, परमहंस रामचंद्र दास और महंत अवेद्यनाथ महाराज ने अथक परिश्रम किया। इसी का परिणाम है कि रामलला की विजय हुई। सुप्रीम कोर्ट के 5 न्यायाधीश ने यह निर्णय दिया था जहां रामलला विराजमान वह रामजन्मभूमि है।”

विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए लालकृष्ण आडवाणी को आमंत्रित किया।

विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए लालकृष्ण आडवाणी को आमंत्रित किया।

अशोक सिंघल ने कहा था-जब राम मंदिर बनेगा, संत समाज आंखों से देखेगा
वेदांती महाराज ने कहा, “हाईकोर्ट में अपनी गवाही के दौरान वाल्मीकि रामायण के श्लोक के आधार पर कहा था, 1 करोड़ 81 लाख 60 हजार 65 साल पहले रामलला ने वहीं जन्म लिया, जहां रामलला विराजमान हैं। सन 1949 में हमारे गुरुदेव और हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास ने रामलला का प्राकट्य किया था।

हिंदू समाज की एकता के कारण रामलला की मूर्ति को उनके जन्म स्थान से नहीं हटाया जा सका। उन्होंने बताया, अशोक सिंघल ने कहा था जब रामलला का मंदिर बनेगा तो संत समाज अपनी आंखों से देखेगा, अब वह समय आ गया है।”

​​​​​रामप्रिया हाता के महंत बोले-अडवाणी को अयोध्या लाना चाहिए

रामप्रिया हाता के महंत धनुषधारी शुक्ला ने कहा, “आडवाणी की जान रामजन्मभूमि में बसती है। यह उनका सम्मान है कि वह अयोध्या आएं। 1984 से लेकर 1992 के दौरान उन्होंने जो संघर्ष किया और 1993 में राम की पैड़ी पर आकर जो संदेश दिया। आज वह हम प्रत्यक्ष देख रहे हैं।

रामप्रिया हाता के महंत धनुषधारी शुक्ला ने कहा-आडवानी ने जो बलिदान दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता।

रामप्रिया हाता के महंत धनुषधारी शुक्ला ने कहा-आडवानी ने जो बलिदान दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता।

रामजन्मभूमि एक ऐसे कार्यकर्ता के हाथ में है, जो राम मंदिर के साथ राष्ट्र का निर्माण करा रहे हैं। आडवाणी को विशेष व्यवस्था करके अयोध्या लाना चाहिए। यह हमारे हृदय की इच्छा है। आडवाणी ने जो बलिदान दिया है वह कभी न भूलने वाला है।”

4 हजार संत, 2 हजार VIP आमंत्रित किए गए
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को अभिषेक समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। आमंत्रित लोगों की जानकारी देते हुए राय ने कहा कि आडवाणी और जोशी स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों से अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हो सकते हैं।

वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा से मिलने और उन्हें समारोह का आमंत्रण देने के लिए तीन सदस्यों वाली टीम बनाई गई है। समारोह के लिए लगभग 4000 संतों और 2200 अन्य मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही छह दर्शनों (प्राचीन विद्यालयों) के शंकराचार्य और लगभग 150 साधु-संत भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे।

Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
1 Comment
Inline Feedbacks
View all comments
1
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x