काशी में साल भर उत्सव का रंग जमता है। 17 जनवरी को शुरू हुए हॉट एयर बैलून शो ने इसकी रंगत को और बढ़ा दिया है। नाइट ग्लो शो काशी की रौनक में चार चांद लगा रहे हैं। हॉट बैलून में बैठकर शिव की नगरी वाराणसी को देखना अपने आप में अद्भूत है। मंगलवार शाम, 7 बजे के बाद, डीजे म्यूजिक पर 12 बड़े बैलूंस जैसे ही उठान भरे लोग देखते ही रह गए।
एक-एक करके सभी बैलूंस टिमटिमाने लगते हैं। उनकी चमक से आंखें चौंधिया रहीं थीं। सभी बैलून की लाइट्स एक साथ बंद हो रही थी, तो कभी एक-दो करके। यह काफी अच्छा और रोमांच पैदा करने वाला पल था। करीब 2 घंटे तक चला यह शो किसी लेजर प्रदर्शनी से कम रोमांचकारी नहीं था।
एक किलोमीटर की हाईट से काशी दर्शन देश औऱ विदेश के लोगों को काफी भा रहा है। शंघाई-चीन सहयोग (SCO) सदस्य देशों से आए डेलीगेशन और पर्यटकों ने फेस्टिवल के पहले दिन बैलूंस में उड़ान भरी। करीब 3-4 घंटे तक काशी में लोगों ने स्काई वाक किया।
करीब 2 घंटे तक चला यह शो किसी लेजर प्रदर्शनी से कम रोमांचकारी नहीं था।
वाराणसी पहुंचे SCO के डेलीगेशन ने काशी में बोट रेसिंग और नाइट ग्लो देखी।
वाराणसी में हॉट एयर बैलून फेस्टिवल के दौरान गंगा के ऊपर से गुजरता बैलूंस।
वाराणसी के हॉट एयर बैलून फेस्टिवल के शुभारंभ के बाद मंदिर के ऊपर से गुजरता बैलून।
वाराणसी में हॉट एयर बैलून से गंगा का किनारा देखते ही बन रहा था। लग रहा जैसे कोई खूबसूरत सा सिनरी हो।
डीजे म्यूजिक और शानदार लाइटिंग के बीच बैलूंस का नाइट ग्लो शो काफी भव्य था।
वाराणसी में कल रात हॉट एयर बैलूंस का नाइट शो काफी रोमांचक और अद्भुत था।
वाराणसी में हॉट एयर बैलून के नाइट शो में रंग-बिरंगे ही नहीं बल्कि बच्चों के फेवरेट कार्टून डिजाइन के भी बैलून ने उड़ान भरे।
वाराणसी में हॉट एयर बैलून के नाइट शो से ठीक पहले टेक्निकल टीम निरीक्षण करते हुए।
वाराणसी के हॉट एयर बैलून फेस्टिवल में काफी अच्छा और रोमांच देखने को मिला।
वाराणसी में गंगा किनारे हॉट एयर बैलूंस 200 मीटर से लेकर 1 हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़े।
वाराणसी में एक स्कूल के ग्राउंड में उतरा हॉट एयर बैलून।
इन विदेशी पायलट के हाथ में बैलून की कमान
बैलून फेस्टिवल में हॉट एयर बैलूंस उड़ाने की जिम्मेदारी 10 विदेशी और 2 देसी पायलटों के पास है। UK से 5 और बाकी USA, कनाडा, स्पेन-पोलिश, जापान और भारत से एक-एक पायलट हैं।
आम पब्लिक केवल दूर से ले नजारा
उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहा, “पहले हॉट एयर बैलूंस से सैर का टिकट 500 रुपए रखा था। मगर, ज्यादा डिमांड होने पर इसे लिमिटेड कर दिया गया। अब सिर्फ SCO की कांफ्रेंस में आए मेंबर्स और अफसरों को ही बैलूंस में उड़ान की अनुमति है। आम पब्लिक सिर्फ इसका नजारा ले सकती है।”
अब आपको कल से शुरु हुए बोट फेस्टिवल के बारे में पढ़वाते हैं…
इस फोटो में पहले दिन के बोट रेस में नाविक टीम द्वारा अर्जित किए गए प्वाइंट्स का उल्लेख है।
एक दिन की रेस पूरी, 3 दिन की शेष
वाराणसी में बैलून शो के बाद कल दोपहर करीब 1 बजे बोट फेस्टिवल का आगाज हुआ। यह 4 दिन यानी 20 जनवरी तक चलेगा। पहली बार, दशाश्वमेध घाट से राजघाट तक रेसिंग ट्रैक तैयार किया गया है। इसी पर 12 नाविकों की टीमों ने रेस में हिस्सा लिया। सबसे ज्यादा पाइंट लाने वाली टीम को एक लाख रुपए इनाम स्वरूप मिलेंगे।
बोट रेस में हिस्सा लेने वाली टीमों के मेंबर काशी के स्थानीय नाविक ही हैं। इनके नाम हैं- नाविक सेना, नौका सवार, भागीरथी सेवक, घाट रक्षक, गंगा वाहिनी, जल योद्धा, गंगा लहरी, गंगा पुत्र, काशी लहरी, गौमुख दैत्य, काशी रक्षक, और जल सेना। बोट रेस की उन्हें पूरी ट्रेनिंग दी गई है।
अब आपको खेल के नियम भी बताते हैं…
सभी नाविक अपने ड्रेस कोड के साथ नाव में बैठे हैं। इस 4 दिवसीय खेल प्रतियोगिता के लिए एक नई नियम पुस्तिका बनाई गई है। प्वाइंट सिस्टम के द्वारा रखा गया है। यानी कि सभी टीमें पाइंट हासिल करने के लिए हर दिन एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी। जिस टीम को सबसे ज्यादा पाइंट मिलेंगे, वही टीम इस रेस की विजेता होगी। सभी चैंपियंस को 1.75 लाख रुपए का इनाम भी घर ले जाने को मिलेगा।
3 किमी का रेसिंग ट्रैक और बोट साइज 15 फीट
हर नाव में 4-4 नाविक बैठाए गए हैं। इन्हें 3 किमी. लंबी दूरी सबसे पहले पूरी करनी है। दशाश्वमेध घाट से शुरू होकर राजघाट तक इस रेसिंग ट्रैक की कुल लंबाई 3 किलोमीटर का है। वाराणसी की ट्रेडिशनल बोट्स 15 फीट लंबी होती हैं। इनकी पतवार 4 फीट लंबी होती है। इसकी कमान कप्तान के हाथों में होगी। 4 दूसरे नाविक इसका संचालन करेंगे।