प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है। मेले में कई जगहों पर कथा, भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। ऐसे में रात 12 बजे भास्कर की टीम संगम नोज पर श्रद्धालुओं का हाल जानने पहुंची। जहां सुरक्षाकर्मियों के अलावा दूर-दराज श्रद्धालु दिखाई दिए। दिन में लाखों श्रद्धालुओं से पटी रहने वाला संगम रात को 12 बजे खाली सा दिखाई दिया।
शहर के अनुराग तिवारी ने बताया, रात में ऊंचाई से देखने में तंबुओं की नगरी न्यूयार्क सिटी की तरह लगती है। वहीं, कानपुर के रहने वाले विवेक तिवारी ने बताया कि मां गंगा तो मोझदायिनी हैं। उनकी गोद में आकर काफी सुकून मिलता है।
‘सारी टेंशन भूल गए…काफी रमणीक और सुकून भरा है’
कानपुर से आए दोनों ने भी संगम पर बिताए को अपने कैमरे में कैद कर लिया।
कानपुर के रहने वाले गौरव ने बताया, ” सपना था कि मां-बाप को साथ लेकर संगम आएंगे पर नहीं ला पाए। 12 बजे का संगम काफी स्पेशल है।आध्यात्मिक ऊर्जा यहां जैसे भरी पड़ी है। यहां आकर हम अपनी सारे टेंशन भूल गए हैं। एक नई ऊर्जा मिली है। मैं तो यही कहूंगा कि अगर आप प्रयागराज आएं तो आधी रात का संगम जरूर फील करें। यह काफी अद्भुत है।’
‘संगम किनारे पहुंचकर सुकून मिलता है’
कानपुर के रहने वाले विवेक तिवारी कहते हैं, “मां गंगा तो मोझदायिनी हैं। उनकी गोद में आकर काफी सुकून मिलता है। यहां आकर मन और शरीर दोनों पवित्र हो जाता है। इसे रमणीक स्थान और कोई नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि दिन में काफी भीड़ होती है। इस समय काफी शांति और सुकून देने वाला है। यह काफी स्पेशल अनुभव है।’
जो नावें दिन भी श्रद्धालुओं को संगम की सैर कराती हैं रात में एक कतार में लगा दी जाती हैं।
‘रात में संगम न्यूयार्क सिटी की तरह लगती है’
प्रयागराज एयरफोर्स में जॉब करने वाले अनुराग त्रिवेदी ने कहा, ” संगम किनारे आकर शांति मिल रही है। रात में ऊंचाई से देखने में तंबुओं की नगरी न्यूयार्क सिटी की तरह लगती है।’
वही, ‘बस्ती से संगम स्नान और दर्शन करने आईं रुपम शुक्ला ने बताया, ‘आधी रात को संगम बहुत अनोखा फील दे रहा है। यहां हम पहली बार आए हैं। जैसे लग रहा है हम स्वर्ग में आ गए हैं। कई टन बोझ हमारे दिमाग से उतर गया है।”
यह फोटो रात 12 बजे संगम की है। जहां दूर-दराज श्रद्धालु दिखाई दे रहे है।
बस्ती से ही आए सुगम शुक्ला ने बताया, “रात में वाहन आसानी से आ जाते हैं। दिन में काफी दिक्कत होती है। रात को पूरा संगम क्षेत्र खाली रहता है। कहीं भी बैठो, घूमो, नहाओ कोई रोकता टोकता नहीं है। रात को यहां आकर मन को काफी शांति मिलती है।”
यह फोटो संगम की रेती की है। रात 12 बजे के बाद न्यूयार्क सिटी जैसी लगती है।
‘आधी रात को भी यहां मिलती है गरम चाय’
संगम पर आधी रात को भी आपको गरम गरम मसाला चाय पीने को मिल जाएगी। संगम नोज पर आधी रात को भी खाने-पीने की चीजों के साथ ही साथ आपको आसानी से मसाला चाय पीने को मिल जाएगी। हाथ में चाय की केतली लिए युवक आपको आसानी से मिल जाएंगे। इसके अलावा पूजा-पाठ के सामान के साथ ही साथ फूल-माला की दुकानें में मिल जाएंगी। यानी आधी रात को भी संगम कभी सोता नहीं दिखेगा। हमेशा यहां रौनक और चहल पहल आपको दिख जाएगी।
संगम नोज पर बंधीं नावों में ही मल्लाह अपना डेरा जमा लेते हैं।
यह फोटो संगम की है। रात में ऊंचाई से देखने में तंबुओं की नगरी न्यूयार्क सिटी की तरह लगती है।
क्यों खास हो जाता है आधी रात का संगम