रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 450 किलोमीटर दूर मिथिला से उपहार अयोध्या लाए गए हैं। भगवान रामलला के लिए ससुराल से वस्त्र, फल, मेवा, चांदी के खड़ाऊं और आभूषण लाए गए हैं। जनकपुरवासी 5000 उपहार लेकर अयोध्या पहुंचे हैं। ये यात्रा जनकपुर से निकलकर अयोध्या कारसेवकपुरम पहुंची है। यात्रा में 500 लोग शामिल हैं।
जनकपुर के घर-घर से भेजे गए उपहार
इस यात्रा की शुरुआत जनकपुर धाम के मेयर मनोज कुमार शाह और जानकी मंदिर के महंत रामतपेश्वर दास की अगुआई में हुई। यात्रा के साथ जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी राम रोशन दास अयोध्या पहुंचे हैं।यात्रा नेपाल के पश्चिम चंपारण, कुशीनगर, गोरखपुर होकर अयोध्या पहुंची है। यह उपहार जनकपुर के घर-घर से लोगों ने इकट्ठा किए हैं।
कहा जा रहा है कि उपहार में फल और पकवान भी शामिल हैं। इनमें से करीब 2 हजार टोकरी अयोध्या के अन्य मंदिरों में विराजमान भगवान सीताराम को भोग के लिए अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद यह यात्रा जनकपुर लौट जाएगी।
करीब 3 हजार उपहार की टोकरियों को कारसेवकपुरम में रखा गया है।
जनकपुर से आए लोगों ने करीब 2 हजार उपहार अयोध्या के बाकी मंदिरों में विराजमान भगवानों के लिए समर्पित किए।
जनकपुर की परिपाटी के तहत भेजे गए उपहार
यह उपहार जनकपुर की परिपाटी के तहत श्रीराम के लिए भेजे गए हैं। वहां परपंरा है कि बेटी का घर गृहस्थी बसाने के लिए मायके से नेग भेजा जाता है। इस प्राचीन परंपरा और भारत नेपाल के त्रेतायुगीन रिश्तों की डोर को और मजबूत करने के लिए यह उपहार अयोध्या भेजे गए हैं।
बता दें कि अयोध्या से अपना गहरा रिश्ता मानते हुए यहां हर साल सीताराम विवाह उत्सव पर सैकड़ों की संख्या में मिथिला की सखियां आकर मंगल गीत गाती हैं। लक्ष्मण किला मिथिला की सखियों का बड़ा केंद्र है। राम विवाह में यहां आकर मिथिला के लोग खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं।
जनकपुर धाम से आए सभी लोगों का किया स्वागत
नेपाल के जनकपुर धाम राम जानकी मंदिर से 3000 से ऊपर भार (उपहार) लेकर निकली यात्रा अयोध्या पहुंची। महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने जनकपुर धाम से आए सभी लोगों का स्वागत सत्कार किया।
कहा कि हम अयोध्यावासी हमेशा जनकपुर वीडियो का सम्मान करते हैं, क्योंकि वह माता जानकी के बंधु और भाई हैं। उनके घर से आते हैं, हमारे आराध्य प्रभु श्री राम की ससुराल है। जब प्रभु श्री राम 500 सालों के संघर्ष के बाद अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं, ऐसे में ससुराल पक्ष से जो भी भेंट आता है, वह स्मरणीय है।
जनकपुर से लोग उपहार की टोकरियां लेकर पहुंचे तो अयोध्या में उनका स्वागत किया गया।
नेपाल की 16 नदियों के पवित्र जल से होगा जलाभिषेक
इससे पहले नेपाल की 16 नदियों का पवित्र जल रामलला के अभिषेक के लिए 31 दिसंबर को अयोध्या लाया गया है। मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में जिस जल से अभिषेक किया जाएगा, वह नेपाल की पवित्र नदियों से लाया गया है। नेपाल के भक्तों ने जनकपुर से जल लाकर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंप दिया है। इस जल को पवित्र यज्ञ शाला में रख दिया गया है।
इससे पहले नेपाल के पोखरा से दो शालिग्राम शिलाएं 30 जनवरी 23 को अयोध्या लाई गई थीं। इन शिलाओं से रामलला की मूर्ति बनाने का दावा था। यह शिलाएं अभी रामसेवकपुरम में भक्तों के दर्शन के लिए रखी हुई हैं।
अयोध्या में बने रहे राम मंदिर की सिक्योरिटी में 25 हजार जवान तैनात किए गए हैं। मंदिर के अंदर की सुरक्षा स्पेशल STF टीम के पास होगी। मंदिर के आस-पास फिदाईन हमले को रोकने के लिए क्रैश रेटेड बोलार्ड लगाए जा रहे हैं। मंदिर के आस-पास का एरिया CCTV से लैस होगा।