कैबिनेट की बैठक में विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा खेत में खड़ी फसल, तैयार उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए कीट एवं रोग नियंत्रण योजना को हरी झंडी दी गई। इस योजना में सरकार अगले पांच वर्षों के लिए 192 करोड़ 57 लाख 75 हजार रुपये खर्च करेगी। किसानों को रासायनिक एवं जैविक कीट रसायन रक्षा इकाई से अनुदान पर दिया जाएगा। वहीं फसलों को सुरक्षित रखने के लिए बखारी पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रस्ताव पास किया गया।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के मुताबिक फसलों में खरपतवार रोग तथा कीट से होने वाली क्षति को नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक की अवधि के लिए विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट एवं रोग नियंत्रण योजना अनुमोदित की गयी है। वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत विभिन्न कार्य मदों में 3417.90 लाख रुपये खर्च होंगे। पर्यावरण संरक्षण व विषरहित खाद्यान्न उत्पादन के लिए बायोपेस्टीसाइड्स तथा बायो एजेंट्स 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी के मुताबिक योजना के अंतर्गत सभी किसान अनुदान के पात्र होंगे लेकिन प्राथमिकता लघु एवं सीमांत कृषकों को दी जाएगी।
लंबे समय तक अनाज को रख सकेंगे सुरक्षित
कृषि मंत्री शाही के मुताबिक किसानों को फसलों में हर वर्ष खरपतवार, फसली रोग, कीट रोग, क्षति भंडारण, चूहों समेत अन्य वजहों से भारी नुकसान होता है। हर वर्ष किसानों को खरपतवार की वजह से 15-20 प्रतिशत, फसली रोगों से 26 प्रतिशत, कीट रोगों से 20 प्रतिशत, भंडारण की उचित व्यवस्था न होने से 7 प्रतिशत, चूहों से 6 प्रतिशत और अन्य कारणों से 8 प्रतिशत फसल खराब हो जाती है। इसी नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने कैबिनेट में यह निर्णय लिया है। इस योजना के बाद अब इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी वहीं उनका अनाज लंबे समय तक सुरक्षित रह सकेगा। अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसके भंडारण के लिए 2 क्विंटल से लेकर 5 क्विंटल तक की क्षमता वाले बखारी में 50 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला लिया है। इसके लिए योगी सरकार योजना में वर्ष 2022 से 2027 तक 41 लाख 42 हजार खर्च करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किसानों के हितों में बड़ा फैसला लिया गया। कैबिनेट में किसानों के इसी नुकसान को कम करने के लिए अगले पांच वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक 192 करोड़, 57 लाख, 75 हजार रुपये योजना के तहत मंजूर किए गए हैं।