छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर भाजपा-कांग्रेस में सियासी जंग जारी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता भूपेश बघेल सरकार पर वादा नहीं निभाने की बात कहते हुए हमलावर है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व शराबंदी को लेकर बनी राजनीतिक कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा के बयान ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। छत्तीसगढ़ भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक अजय चंद्राकर ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा- ‘मान. मुख्यमंत्री, यदि भाजपा शासित राज्य की घोषणा पत्र में शराबबंदी है, तो निश्चित रूप से बंद होना चाहिए, लेकिन यह वादा तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने किया है।
विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के घोषणा पत्र में शराबबंदी है तो तुरंत बंद करिए या जनघोषणा पत्र झूठा है करके जनता से माफी मांग लीजिए और मंत्री टीएस सिंहदेव को पार्टी से भी निकाल दीजिए…। शराबबंदी को लेकर पूर्व विधायक नंदे साहू ने कहा कि सत्यानारायण रायपुर ग्रामीण विधानसभा के विधायक हैं और वह पगला गए हैं। शराबबंदी के नाम पर भूपेश सरकार ने कमेंटी में उन्हें अध्यक्ष बनाकर रखा है। सरकार बने चार साल हो गए और शराबबंदी नहीं हुई है। अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। वो पगला गए हैं। उन्होंने कहा कि जनता और भाजपा दोनों की मांग है शराबबंदी होनी चाहिए। सत्ता पाने एजेंडा लेकर आए और सत्ता पाने के बाद भूल गए। नंदे साहू ने कहा कि भाजपा इसे लेकर लगातार सरकार को घेरती रहेगी।
|शराबबंदी जनता नहीं, भाजपा का मुद्दा: सत्यनारायण
बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर बनी राजनीतिक कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने भाजपा पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि शराबबंदी जनता का नहीं, सिर्फ भाजपा का मुद्दा है। भाजपा को शराबबंदी करनी है, तो पहले भाजपा शासित राज्यों में करे। भाजपा सिर्फ राजनीति के लिए शराबबंदी के मुद्दे को उठा रही है। उन्होंने कहा कि शराब एक सामाजिक समस्या है। सभी राजनीतिक दल के लोग बैठकर चर्चा करेंगे। एकमत से जो फैसला होगा, उसे मान्य किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि सामाजिक समिति और प्रशासनिक समिति लोगों से संवाद कर रही है। भाजपा में ताकत है तो जहां उनकी सरकार है, वहां शराब बंद करा दे। एक बात को पकड़कर बैठ गए हैं।