क्या सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर गुजरात विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार होंगी? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के गुजरात में लगते चक्करों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि कुछ लोग सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को गुजरात की राजनीति में पिछले दरवाजे से प्रवेश कराने की कोशिश कर रहे हैं।
अमित शाह ने अहमदाबाद में 36वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नर्मदा परियोजना का विरोध करने वाली मेधा पाटकर को गुजरात की राजनीति में पिछले दरवाजे से प्रवेश कराने के लिए कुछ लोगों ने इन दिनों नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि मैं गुजरात के युवाओं से पूछना चाहता हूं कि क्या वे नर्मदा परियोजना के साथ-साथ गुजरात के विकास का विरोध करने वालों को राज्य में घुसने देंगे।
जहां तक विकास परियोजनाओं के विरोधियों को आगे बढ़ाने की बात है तो आम आदमी पार्टी पहले भी ऐसा कर चुकी है। मणिपुर विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी बनाकर मैदान में उतरने वाली इरोम चानू शर्मिला का आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने खुलकर समर्थन किया था। लेकिन राज्य की जनता ने शर्मिला को ऐसी बुरी तरह खारिज किया था कि वह अपनी खुद की विधानसभा सीट भी नहीं बचा पाई थीं। अरविंद केजरीवाल जिन्हें आयरन लेडी करार दे रहे थे उन्हें चुनाव में मात्र 90 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था।