भिलाई. मैत्रीबाग की मिनी ट्रेन का संचालन अब तक प्रबंधन खुद ही कर रहा था। अब इस काम को भी निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। शुरू में इसे 3 साल के लिए ठेके पर दिया जाएगा। इसके बाद निजी एजेंसी ही इसका संचालन करेंगी। मैत्रीबाग आने वाले बच्चों की यह सबसे प्यारी सवारी है। इसके 5 डिब्बे हैं। जिसमें से अभी तीन को लेकर इंजन दौड़ रही है।
मैत्रीबाग की मिनी ट्रेन को निजी हाथों में देने की तैयारी
1912 की है मिनी ट्रेन
मैत्रीबाग प्रबंधन चाहता है कि बच्चों की पहली पसंद मिनी ट्रेन को जल्द ट्रैक पर लेकर आया जाए। इसके लिए उन्होंने इसे ठेके पर देकर हर दिन चलाने का फैसला किया है। पहले सप्ताह में सिर्फ 2 दिन ही पर्यटकों के लिए चला रहे थे। इसका इंजन सन् 1912 का है। इसके बाद भी आला अधिकारियों के देखरेख में इसे आसानी से दौड़ाया जा रहा है। 100 साल पुराने इंजन को आंतरिक संसाधन से हमेशा से ही ठीक किया जाता रहा है।
10 लाख रुपए में तीन साल
मैत्रीबाग में मिनी ट्रेन चलने से हर साल करीब 6 लाख रुपए आता है। मिनी ट्रेन को प्रबंधन 3 साल के लिए ठेके पर देना चाहता है। जिसके बदले ठेकेदार को कम से कम 10 लाख रुपए देना होगा। अगर टेंडर के बाद प्रतिस्पर्धा में कोई अधिक देकर इस ठेके को लेता है, तो बात अलग है। एक बार इसका टेंडर किया गया। तब एक ठेकेदार ने तीन साल में 50 लाख रुपए तक देने का रेट कोड कर दिया। इसके बाद वह इस काम को लेने से मना कर दिया। अब फिर बीएसपी प्रबंधन नए सिरे से ठेका देने प्रोसेस शुरू कर दिया है।