ज्ञानवापी-शृंगार गौरी विवाद के मुकदमे में ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा-पाठ की मांग के अधिकार के मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट में सुनवाई हुई।
इस दौरान अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने अपना पक्ष रखा। उसने अपनी दलीलों के साथ फिर कहाकि यह मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। हिंदू पक्ष की ओर से भी आपत्ति की गई। अब कोर्ट इस मामले की सुनवाई नियमित करने का आदेश दे चुका है। इसलिए अब गुरूवार को फिर सुनवाई होगी। अब हिंदू पक्ष के अधिवक्ता की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा।
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन की कार्रवाई के दौरान पिछले 16 मई को कथित शिवलिंग मिला था। मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और राखी सिंह ने दावा किया है कि पत्थर प्राचीन शिवलिंग है।
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह ने ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनकी मांग है कि ज्ञानवापी परसिर हिंदुओं को सौंप दिया जाए। ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा-पाठ, भोग-राग और श्रृंगार का अधिकार हिंदुओं को दिया जाए। गौरतलब है कि मंगलवार को भी इस मामले की सुनवाई हुई थी। इस मुकदमे में भगवान आदि विश्वेश्वर का नाम सबसे ऊपर है।