वाराणसी के केदारघाट पर डूबे दो श्रद्धालुओं की खोज करती जल पुलिस और NDRF की टीम।
पिंडदान करने आंध्र प्रदेश से वाराणसी पहुंचे 4 श्रद्धालु गंगा में डूब गए। घाट पर मौजूद मल्लाहों ने दो श्रद्धालुओं को पानी में बहने से बचा लिया। वहीं, बाकी दो डूब गए। इसमें एक बुजुर्ग और एक युवा शामिल है। भेलूपुर पुलिस और NDRF की टीम डूबे दोनों युवकों की खोजबीन कर रही है।
केदारघाट पर डूबे श्रद्धालुओं को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया।
आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम से शनिवार को 15 श्रद्धालुओं का समूह वाराणसी पहुंचा। आज सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन कर पूर्वजों के पिंडदान के लिए केदार घाट आए थे। सभी 15 लोगों ने एक दिन पहले काशी भ्रमण भी किया था।
आज सुबह केदारघाट पर सभी पहुंचे, तो पिंडदान से पहले एम रब्बुल रेड्डी (65) और सत्यमणि वेंकटेश्वर रेड्डी (21), गोपाल कृष्ण रेड्डी (48) और एमएम वेंकट रेड्डी (29) घाट किनारे पानी में उतर गए।
इस दौरान एम रब्बुल रेड्डी और सत्यमणि रेड्डी गहरे पानी में चले गए। जिन्हें डूबता देख गोपाल रेड्डी और एमएम वेंकट रेड्डी बचाने की कोशिश करने लगे। चारों को गंगा में डूबते हुए आसपास के लोगों और परिजनों ने हल्ला मचाना शुरू किया।
घाट पर मौजूद मल्लाहों ने तुरंत गंगा में छलांग लगा दी और गोपाल साथ में एमएम रेड्डी को बचा लिया। वहीं, रब्बुल और सत्यमणि का कुछ पता नहीं चल सका।
NDRF और जल पुलिस चला रही रेस्क्यू
सूचना मिलने पर भेलूपुर पुलिस और NDRF बलों ने रेस्क्यू अभियान चलाया। अस्सी घाट से लेकर दशाश्वमेध घाट पर गोताखोरों के संग खोजबीन की। हालांकि, अभी तक बुजुर्ग रब्बुल रेड्डी और वेंकट रेड्डी का कुछ पता नहीं चल पाया है। उधर, परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।