उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदनगर में 18 सितंबर की रात बादल फटा था। इसके बाद से 14 लोग लापता थे। कुछ लोग मलबे में दब गए थे। घटना के 16 घंटे बाद एक शख्स को मलबे से जिंदा रेस्क्यू किया गया। यहां पर 200 लोग प्रभावित हुए हैं। 35 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हैं।
देहरादून-मसूरी रोड अभी भी क्षतिग्रस्त है। मसूरी में मौजूद 2 हजार के करीब टूरिस्ट्स सेफ हैं। इधर, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में रिहंद बांध इस साल पांचवीं बार ओवरफ्लो हुआ। कौशांबी में बिजली गिरने से 2 महिलाओं की मौत हुई।
वहीं, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के थाच गांव में गुरुवार देर रात बादल फटा। बाढ़ में दो गाड़ियां बह गईं। लोग रात में ही घरों से भागकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। वहीं, शिमला के एडवर्ड स्कूल के पास भी रात में लैंडस्लाइड हुई।
शिमला की लाइफ लाइन कहे जाने वाली सर्कुलर रोड बंद है। एडवर्ड स्कूल की आज और कल की छुट्टी की गई है। कुमारसैन की करेवथी में भी तीन मंजिला मकान धंसा गया। राज्य में बाढ़-बारिश से अब तक 424 लोगों की मौत हो चुकी है।
मध्य प्रदेश में इस मानसून सीजन औसत 1097.28mm बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश से 187.96mm ज्यादा है। गुना में सबसे ज्यादा 1651mm बारिश हुई। जबकि खरगोन में सबसे कम 665.48mm बारिश हुई।