सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने जमानत दे दी है। आजम पर रामपुर के क्वालिटी बार पर कब्जे का आरोप है। 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद आजम के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
इस मामले की फाइनल सुनवाई 21 अगस्त को जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने की थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पूर्व अपर महाधिवक्ता इमरान उल्ला और खालिद के अलावा विनीत विक्रम ने कोर्ट में आजम का पक्ष रखा। इमरान उल्ला ने बताया बाकी पेंडिंग मामलों में आजम खान को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
अब पढ़िए, आजम के वकील ने जो बताया आजम खान के वकील मोहम्मद खालिद ने बताया- सोसाइटी की प्रॉपर्टी में क्वालिटी बार चल रहा था। सोसाइटी ने इसे खाली कराकर टेंडर किया। इसे आजम खान के बेटे और उनकी पत्नी के नाम पर मंथली एलाट किया गया था। यह मामला 2013 का था, जिसमें 2019 में FIR हुई थी। 2024 में आजम खान को मुल्जिम बनाया गया। हमने कोर्ट के सामने यह पक्ष रखा कि 10 साल बाद उन्हें आरोपी बनाया गया।
इसमें आरोप था कि मंत्री रहते उन्होंने मामले को इन्फ्लुएंस किया। हमने दलील दी कि पूरा प्रोसेस फॉलो करने के बाद ही टेंडर दिया है। इसमें कहीं भी पावर का मिसयूज नहीं किया है। अब उनके ऊपर कोई भी मामला लंबित नहीं है। अब वह एक दो दिन में बाहर आज जाएंगे। कोर्ट के इस आदेश के बाद उन्हें जेल से रिहा किया जाएगा।
आजम खान के वकील मोहम्मद खालिद ने बताया- आजम खान एक दो दिन में जेल से बाहर आ जाएंगे।
अब वो केस, जिसमें आजम को जमानत मिली 21 नवंबर, 2019 को क्वालिटी बार के मालिक गगन अरोड़ा ने पुलिस में आजम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा था- सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे स्थित सईद नगर हरदोई पट्टी पर बने बार पर जबरन कब्जे की कोशिश की गई। मामले में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
मुकदमे में आजम खान की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा, बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान और तत्कालीन चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी को भी आरोपी बनाया गया था। बाद में विवेचना के दौरान पूर्व मंत्री आजम खान को भी आरोपित बनाया गया। इसमे कहा गया कि आजम तत्कालीन सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उन्होंने पद और प्रभाव का दुरुपयोग किया।
अक्टूबर 2023 से सीतापुर जिला कारागार में बंद आजम फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने 18 अक्टूबर, 2023 को आदेश सुनाया था। कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद तीनों को पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट से सीधे जेल भेज दिया गया। सुरक्षा कारणों से 26 अक्टूबर, 2023 को आजम को रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद से वे जेल में ही बंद हैं।
अब्दुल्ला आजम के दो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए जाने और उनका दुरुपयोग किए जाने के मामले में मिली सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई है। सजा पर रोक का फैसला केवल आजम खान पर लागू है। अब्दुल्ला आजम और उनकी मां तंजीन की सजा पर रोक नहीं लगाई गई है। हालांकि, इस केस में जमानत के बाद तंजीन फातिमा जेल से बाहर हैं।