श्रद्धा वॉकर मर्डर केस में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला अब भी पुलिस को लगातार गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। आफताब के झूठ लगातार सामने आ रहे हैं। उसने इस शातिराना तरीके से हत्या की है कि पुलिस के लिए अदालत में इस हत्या को साबित करना बड़ी चुनौती है। पुलिस के मुताबिक, उसे श्रद्धा को मारने का अफसोस नहीं है। वह लॉकअप में चैन से सो रहा है। आज उसे साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा।
उधर, मुंबई के वसई की पुलिस भी हैरान है कि उन्हें पूछताछ के दौरान आफताब पर जरा भी शक नहीं हुआ था और उन्होंने उसे जाने दिया। श्रद्धा के दोस्तों, परिवार और पुलिस सूत्रों से बात करके आफताब की एक ऐसे डीसेंट बॉय की छवि बनती है, जिसके कातिल होने का शक शायद ही किसी को होता। इस हत्याकांड की कड़ियां मुंबई से लेकर दिल्ली तक बिखरी हैं और उन्हें जोड़ना आसान काम नहीं है।
श्रद्धा के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से मुंबई के वसई में रहने वाले आफताब का परिवार पता बदलकर अंडरग्राउंड हो गया था। अब दिल्ली पुलिस का कहना है कि आफताब का परिवार उनके संपर्क में है।
छानबीन में जो नई बातें सामने आ रही हैं:
पहले भी श्रद्धा का मर्डर करना चाहा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसने पहले मार्च में भी श्रद्धा को मारने का सोचा था, लेकिन फिर उसकी भोली सूरत देखकर इरादा टाल दिया। उसे पकड़े जाने का डर भी था। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि दिल्ली में आकर रहने से पहले श्रद्धा और आफताब हिमाचल प्रदेश के कसौल गए थे और यहां भी होटल के भीतर उनका झगड़ा हुआ था। श्रद्धा आफताब के कमरे के बाहर जाकर किसी और लड़की से बात करने को लेकर नाराज थी।
हिमाचल में ही आफताब और श्रद्धा ने तय किया था कि अब वे मुंबई नहीं लौटेंगे और कहीं और रहेंगे। इसी के बाद वे दिल्ली शिफ्ट हो गए।
आफताब ने पुलिस को ये भी बताया है कि उसे भी शक था कि श्रद्धा किसी और लड़के के संपर्क में है। दोनों में बार-बार किसी ना किसी बात को लेकर झगड़ा और मारपीट होती थी, लेकिन फिर दोनों एक दूसरे को साथ निभाने का भरोसा देकर साथ रहते थे।
कहानी में बद्री नाम के शख्स की एंट्री
पुलिस पूछताछ में आफताब ने ये भी बताया है कि हिमाचल में घूमने के दौरान उनकी बद्री नाम के एक लड़के से मुलाकात हुई थी, जो दिल्ली के छतरपुर में रहता था। बद्री ने ही इनकी मदद दिल्ली में घर लेने में की थी। पुलिस इस बद्री को भी तलाश कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने बताया है कि डेटिंग एप्स और सोशल सर्किल के जरिए उसकी मुलाकात कई हिंदू लड़कियों से हुई, जिनसे उसने संबंध बनाए।
आफताब और श्रद्धा को उम्मीद थी कि दिल्ली आने के बाद उनके झगड़े बंद हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस के मुताबिक आफताब एक रात श्रद्धा से झगड़े के बाद रात में बाहर निकला और टहलते हुए महरौली के जंगल में चला गया। यहां उसे ख्याल आया कि शव को यहां आसानी से छुपाया जा सकता है। पुलिस पूछताछ में ये भी पता चला है कि आफताब क्राइम थ्रिलर देखता था और इंटरनेट पर लाश छुपाने के तरीकों के बारे में सर्च भी करता था।
क्राइम सीन रीक्रिएशन के लिए पुलिस सोमवार रात आफताब को उसके फ्लैट पर ले गई थी। इसी दौरान उसके किचन में खून के निशान मिले थे।
आफताब ने पुलिस को भी बेफकूफ बनाया
श्रद्धा के परिवार का जब उससे संपर्क नहीं हुआ और उसका फोन भी बंद आने लगा तो अक्टूबर में मुंबई के मानिकपुर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मानिकपुर पुलिस ने भी आफताब से संपर्क किया था और उसे पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि आफताब बेहद नार्मल दिख रहा था, उसने ऐसे बर्ताव किया कि पुलिस को उस पर शक नहीं हुआ। उसने ये कहानी सुनाकर पुलिस को चकमा दे दिया कि श्रद्धा अपनी मर्जी से कहीं चली गई थी, क्योंकि उसे अकेले रहना था।
पुलिस के संपर्क करने के बाद भी आफताब अंडरग्राउंड नहीं हुआ था। उसे भरोसा था कि वो पुलिस को चकमा दे देगा। पुलिस पूछताछ में वो बिलकुल नॉर्मल रहा। मानिकपुर पुलिस ने एक बार फिर आफताब को पूछताछ के लिए बुलाया। इस बार भी आफताब बिलकुल बेफिक्र और शांत था। पुलिस ने उसका दो पेज का लिखित बयान लिया और उसने वही कहानी दोहराई कि श्रद्धा झगड़े के बाद उसे छोड़कर चली गई है।
महरौली के जंगल में पुलिस अब भी श्रद्धा की बॉडी के टुकड़े और सबूत तलाश रही है। हालांकि अब तक उसे कोई अहम सबूत नहीं मिला है।
पुलिस के सामने हैं कई चुनौतियां
आफताब ने इस कत्ल के हर स्टेप को बेहद शातिराना तरीके से प्लान किया है। 9 दिन की जांच के बाद भी पुलिस के पास कुछ ठोस नहीं है। अभी तक पुलिस इस मामले में हत्या में उपयोग हुआ हथियार भी नहीं बरामद कर सकी है। इसके अलावा कोई ठोस सीसीटीवी फुटेज भी नहीं मिला है।
अभी तक इस हत्या को आफताब से जोड़ने के लिए सिर्फ उसका इकबालिया बयान ही है, जिसे वो अदालत में बदल भी सकता है। हाल ही में दिल्ली के 2012 में हुए चर्चित छावला गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया है। उस मामले में लड़की का शव भी मिला था और पुलिस ने फोरेंसिक सबूत भी जुटाए थे।
अब तक पुलिस को क्या मिला
कैसे पकड़ में आया आफताब?
पुलिस को चकमा देते रहा आफताब बैंक अकाउंट ट्रांसफर से फंस गया। मानिकपुर पुलिस ने जब 3 नवंबर को उसका लिखित बयान लेना शुरू किया, तब तक पुलिस इस केस पर काफी काम कर चुकी थी और श्रद्धा के मोबाइल की लोकेशन और बैंक ट्रांसफर का डेटा जुटा चुकी थी।
श्रद्धा की हत्या 18 मई की रात दस बजे के करीब कर दी गई थी, लेकिन उसका मोबाइल फोन 26 मई को बंद किया था। पुलिस के मुताबिक 22 से 26 मई के बीच आफताब ने श्रद्धा के अकाउंट से अपने अकाउंट में 54 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। आखिरी बार जब श्रद्धा का मोबाइल बंद हुआ, तो उसकी लोकेशन दिल्ली का छतरपुर ही थी।
पुलिस ने इस बार जब आफताब से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने श्रद्धा की हत्या की बात स्वीकार कर ली। इसके बाद 8 नवंबर को आफताब को दिल्ली लाया गया और दिल्ली पुलिस ने सुबूत जुटाने का काम शुरू किया। दिल्ली पुलिस को अब अदालत से आफताब का नार्को टेस्ट करने का अनुमति भी मिल गई है।
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक नार्को टेस्ट कराना एक लंबी प्रक्रिया है और ये इतना आसान नहीं है। नार्को टेस्ट कराने के लिए अभियुक्त की मंजूरी भी अनिवार्य होती है।
पहचान छिपाने के लिए श्रद्धा का चेहरा जलाया था, पुलिस वाटर बिल पर पूछताछ करेगी
आफताब ने पुलिस पूछताछ में कुबूल किया है कि उसने पहचान छिपाने के लिए श्रद्धा का चेहरा जला दिया था। दिल्ली पुलिस उसकी कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस नए सुराग वाटर बिल पर आफताब से पूछताछ करना चाहती है। आफताब के महरौली फ्लैट का पानी का बिल 300 रुपए आया है, जबकि पड़ोसियों का बिल जीरो है। वजह यह कि दिल्ली में 20 हजार लीटर पानी मुफ्त दिया जाता है। पुलिस जानना चाहती है कि आखिर आफताब ने इतना पानी कहां खर्च कर डाला।