मां का शव छिपाकर रखा: बदबू न आए, इसलिए अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाई, बेटा बोला- कफन के लिए पैसे नहीं थे और…

KHABREN24 on December 14, 2022

 के गुलरिहा इलाके के शिवपुर शहबाजगंज में चार दिनों तक मां के शव को तख्त के नीचे बेटे ने छिपाए रखा। शव से बदबू आने पर अगरबत्ती व धूपबत्ती जलाता था। मंगलवार सुबह शव से तेज दुर्गांध आने पर पड़ोसियों ने अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस शव को पहले मोर्चरी भेजा, लेकिन बाद में बिना पोस्टमार्टम पंचनामा भरकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। दराअसल, मृतका के भतीजे अवनीश नारायण त्रिपाठी ने पुलिस को लिखित प्रार्थना पत्र दिया कि बुजुर्ग मौसी की स्वाभिविक मौत है, और भाई मानसिक रोगी है, इस वजह से सूचना नहीं दी। पुलिस उसकी बातों को मान गई और पोस्टमार्टम नहीं कराया। जानकारी के मुताबिक, गुलरिहा इलाके के शिवपुर शहबाजगंज निवासी राम दुलारे मिश्रा कुशीनगर के बोदरवार स्थित एक इंटर कॉलेज में शिक्षक पद रिटायर्ड थे। वह बोदरवार के डोमबरवा के मूलतः निवासी थे। 

चार दिन तक मां का शव छिपाए रखा

राम दुलारे शिवपुर सहबाजगंज में पत्नी शांति देवी और बेटा निखिल मिश्रा के साथ 1988 से रहते थे। उनकी 10 साल पहले मौत हो चुकी है। जबकि, बेटा निखिल अपनी मां शांति देवी और अपने पत्नी बच्चों के साथ रहता था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि वह मानसिक रूप से बीमार है, शराब पीने का आदी भी है। विज्ञापन

चार दिन तक मां का शव छिपाए रखा

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चार दिन तक मां का शव छिपाए रखा

15 दिन पहले पत्नी से विवाद हुआ तो वह मायके चली गई है। 47 वर्षीय निखिल के दो बच्चे हैं जो दिल्ली में रहकर तैयारी करते हैं। निखिल अपनी 82 वर्षीय मां के साथ घर में रहता था। मां शांति देवी गोरखपुर राजकीय इंटर कॉलेज (एडी) से प्रधानाध्यापिका पद से रिटायर्ड थीं। 

चार दिन तक मां का शव छिपाए रखा

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चार दिन तक मां का शव छिपाए रखा

पांच दिन पहले मां की मौत होने पर बेटे निखिल ने न ही आसपास के लोगों को बताया, ना ही दाह संस्कार किया। शव को घर में छिपाने पर पुलिस बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की। नशेड़ी होने की वजह से वह कुछ नहीं बता पाया। वहीं, मोहल्ले के लोग इस तरह की घटना से हैरान हैं।विज्ञापन

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बेटा बोला, कफन के लिए पैसा नहीं था, इसलिए घर में रखा शव
पुलिस के सामने बेटे निखिल (47 वर्षीय) ने बेतुकी बात बोली है। उसने कहा कि उसके पास कफन के लिए पैसे नहीं थे, इसी वजह से उसने चार दिनों तक दाह संस्कार नहीं किया। 

सांकेतिक तस्वीर

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सांकेतिक तस्वीर – फोटो : ANI

वह शव घर में रखकर पैसे का इंतजाम कर रहा था। लेकिन, उसकी यह दलील किसी के गले के नीचे नहीं उतर रही है। क्योंकि, उसकी गोरखपुर राजकीय इंटर कॉलेज (एडी) से प्रधानाध्यापिका पद से रिटायर्ड मां  पेशन पाती थी और रिश्तेदार भी आर्थिक रूप से संपन्न हैं। अगर वह चाहता तो रिश्तेदारों से भी मदद ले सकता था।

Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
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