केंद्र सरकार द्वारा आवासहीन गरीबों को सस्ते में पक्का मकान देने बनाई गई योजना का लाभ दुर्ग सहित छत्तीसगढ़ के रहवासियों को नहीं मिल पा रहा है। योजना के तहत आवास का निर्माण तो किया गया है, लेकिन आवंटन अब तक नहीं हो पाया है। बनाए गए आवास कंडम हो रहे हैं।
योजना के सबसे महत्वपूर्ण घटक मोर मकान मोर आस के तहत दुर्ग निगम क्षेत्र में बनाए गए 1226 आवासों में सैकड़ों आवेदक महंगे कीमत के कारण मकान नहीं ले पा रहे हैं। वही स्वयं के जमीन में पक्के मकान बनाने का सपना देख रहे गरीब परिवार भी स्वीकृति के लिए भटक रहे हैं।
पूर्व सभापति दिनेश देवांगन ने कहा
राज्य की सरकार तुष्टिकरण की राजनीतिक के चलते आवासों का आवंटन नहीं होने दे रही है। बीजेपी इसका सड़क पर उतरकर विरोध करेगी। देवांगन ने कहा कि कहा कि वर्ष 2017-18 में बोरसी, पोटिया, पुलगांव व सरस्वती नगर में अलग अलग यूनिट के लगभग 1226 मकान का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
इसके लिए 75 हजार रुपए देय को आसन किस्तों व आवासहीन गरीब परिवार के लिए न्यूनतम पेय 90 हजार के आसपास कीमत निर्धारित किए थे। वर्ष 2015 में 6 हजार से अधिक किराएदार परिवार, 3 हजार से अधिक परिवार अस्थाई स्लम क्षेत्र व 5 हजार से अधिक स्थाई झुग्गी व कच्चे तथा रिक्त जमीन वाले परिवार चिन्हांकित किए गए थे। जिन्हें विधिवत दावा आपत्ति कर निराकृत किए गए।