शहर सरकार का एक साल:वाटर एटीएम लगे, एस्ट्रोनॉमी लैब शुरू बिजनेस टावर, मुफ्त कोचिंग का इंतजार; 14 प्राथमिकताएं गिनाई थी, 4 धरातल पर, बाकी कागजों में
KHABREN24 on January 8, 2023
भिलाई नगर निगम की पांचवीं परिषद के कार्यकाल का आज 8 जनवरी को एक साल पूरा हो रहा है। महापौर नीरज पाल ने एक साल पहले आज ही के दिन शपथ ग्रहण किया था। शहर सरकार का नेतृत्व संभालते ही नीरज ने अपना पहला बजट भी पेश किया। पहले साल के लिए उन्होंने अपनी 14 प्राथमिकताएं गिनाई थी। इनमें कुछ वादे पूरे हुए तो कुछ आज भी अधूरे हैं। कुछ प्रशासकीय स्वीकृति, तो कुछ टेंडर की प्रक्रिया में है।
अपने पहले साल में नीरज ने शहर को डेढ़ दर्जन से भी अधिक बड़ी सौगातें दी है। वहीं शहर विकास के दो दर्जन से भी अधिक प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। हालांकि उनके किए बहुत से दावे और वादे पहले साल में अभी तक अधूरे हैं, मगर वे शहरवासियों को आश्वस्त करते हैं कि वो अपना हर वादा पूरा करेंगे।
दो दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट पर चल रहा काम, कई बड़े काम अधूरे
वादे जो पूरे हुए
मेयर हेल्पलाइन सेवा और शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 10 जगहों पर वाटर एटीएम लगाने योजना पूरी हो चुकी है।
जिले का पहला एस्ट्रोनॉमी लैब भिलाई के सेक्टर-6 स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में शुरू हो चुका है।
पावर हाउस में सी मार्ट और महिला समृद्धि बाजार खुलने से महिलाएं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है।
पटरी पार की प्रमुख दस सड़कें जो राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधे जुड़ती है, उनके विस्तारीकरण, व सौंदर्यीकरण के लिए टेंडर हो चुका है।
नेहरू नगर चौक पर अभी हाल में वेंडिंग जोन बनाया गया। अब व्यवस्थित चौपाटी से सुंदरता और सहुलियत बढ़ी है।
ऑक्सीजन जाेन के रूप में पटरी पार के कुरुद में कृष्ण कुंज बनाया गया है। इससे जहां पर्यावरण में सुधार होगा, वहीं हरियाली भी अब बढ़ेगी।
सिविक सेंटर को आकर्षक बनाने का काम चल रहा है।
दावे जो अधूरे रह गए
शहर को कॉमर्शियल हब बनाने बिजनेस टॉवर बनाने की योजना अब तक फाइलों में है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए निशुल्क कोचिंग की घोषणा बातों में ही रह गई।
सुपेला सब्जी मंडी को प्रियदर्शनी परिसर में शिफ्ट करने की योजना थी। प्रस्ताव का अब तक पता नहीं है।
135 करोड़ से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाना है। कागजों में सिर्फ प्रस्ताव बन रहा है।
2.50 करोड़ से वायु प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए मॉनिटरिंग स्टेशन की स्थापना करनी थी।
शहर को होर्डिंग फ्री बनाने की घोषणा की थी। यूनीपोल के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी।
आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने थे।
निगम के सभी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन और शहर को कॉमर्शियल हब बनाने के प्लान पर प्रगति नजर नहीं आ रही।
शहर सरकार के सामने ये तीन बड़ी चुनौतियां अभी बाकी
1. निगम की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। संचित निधि खाली हो चुकी है। आय बढ़ाने और खर्च कम करना बड़ी चुनौती है।
2. शहर की भौगोलिक स्थिति में पटरी इस पार और उस पार की विषमता थी। यह फासला सिमटने के बजाए और बढ़ा है। टाउनशिप में ज्यादा खर्च करने से किरकिरी हो रही है।
3 आगे चुनावी वर्ष है। ऐसे में निगम के कामकाज से प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस की भी परख होगी। ऐसे मेें शहर का विकास, सुविधाओं में वृद्धि बड़ा चैलेंज रहेगा।
साल दो साल बाद जब काम पूरे होंगे तब दिखेगा विकास
“कोई भी विकास तत्काल नहीं दिखता है। लगातार शहर विकास के लिए प्रयासरत हैं। प्रोजेक्ट तैयार हैं। टेंडर प्रक्रिया चल रही है। साल दो साल बाद काम पूरे होंगे तब विकास दिखेगा।” -नीरज पाल, महापौर भिलाई नगर निगम