मुख्य स्नान पर्व के एक दिन पहले का माघ:प्रयागराज के ऐतिहासिक मेले का अद्भुत नजारा, देखें 15 तस्वीरें
KHABREN24 on January 13, 2023
प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के बाद पहला मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। ट्रैफिक डायवर्जन आज से ही लागू कर दिया गया है। प्रयागराज जंक्शन के सिविल लाइंस साइड से प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। भारी वाहनों का प्रवेश भी शहर में आज से ही बंद कर दिया गया है। माघ मेले में भी शनिवार की सुबह से प्राइवेट वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी।
दैनिक भास्कर की टीम मकर संक्रांति से पूर्व इन्हीं व्यवस्थाओं का जायजा लेने माघ मेला पहुंची। व्यवस्थाओं की पड़ताल की। मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व इस ऐतिहासिक तंबुओं के नगर की व्यवस्थाओं और माघ मेले को तस्वीरों और वीडियो में कैद किया। आइए देखते हैं मकर संक्रांति के एक दिन पहले का माघ मेला…
माघ मेले में तंबुआ का नगर दारागंज से लंकर अरैल और लेटे हनुमान मंदिर से झूंसी तक बसा है। विभिन्न रंगों के तंबू देखने में मनोहारी दिखते हैं।
यह तस्वीर गुरुवार रात 11 बजे की है। शास्त्री ब्रिज से ली गई यह तस्वीर माघ मेले की भव्यता और दिव्यता दिखा रही है।
तंबुओं की इस नगरी के बीच गंगा कल-कल करती बह रही हैं। गंगा की धारा पर पड़ रही रोशनी विशेष आभा बिखेर रही है।
मकर संक्रान्ति पर ऐसी रहेगी यातायात व्यवस्था
13 जनवरी की शाम 20 बजे से 15 जनवरी को अपराह्न दो बजे तक या भीड़ समाप्ति तक संगम क्षेत्र में प्रशासनिक/चिकित्सीय वाहनों के अतिरिक्त सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी।
माघ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन यहां पार्क होंगे
प्लाट नंबर 17 पार्किंग
गल्ला मण्डी दारागंज पार्किंग
हेलीपैड पार्किंग
काली सड़क पर यातायात पुलिस लाइन के सामने व बगल में बनी पार्किंग
ओल्ड जी.टी. कछार पार्किंग
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग
मिर्जापुर- रीवा की ओर से आने वाले समस्त दो पहिया व चार पहिया वाहनों को लेप्रोसी चौराहे के बगल में नवप्रयागम पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
जौनपुर-वाराणसी की ओर से आने वाले वाहनों को कटका तिराहे से डायवर्जन कर चीनी मिल पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
कानपुर की ओर से आने वाले वाहनों को सीएमपी डिग्री कालेज,केपी इंटर कालेज व बक्शी बांध कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
मेला क्षेत्र में पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रूट
संगम आने का पैदल मार्ग- संगम आने वाले श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों को जीटी जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक जा सकेंगे।
संगम से वापसी का पैदल मार्ग- संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग से होते हुए इण्टर लाकिंग मार्ग से जगदीश रैम्प मार्ग एवं त्रिवेणी मार्ग चौराहे से वापस परेड क्षेत्र में स्थित पार्किंग स्थल पहुंच सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि संगम मेला क्षेत्र में जाने हेतु प्रवेश मार्ग जीटी जवाहर चौराहे से एवं निकास मार्ग हर्षवर्धन चौराहे से प्रस्तावित है।
प्रमुख स्नान पर्व पर अक्षयवट दर्शन के लिए बन्द रहेगा और सामान्य दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 17.30 बजे तक खुलेगा।
संगम के बीच फ्लोटिंग बॉक्सेज से यह वीपीआईपी स्नान घाट तैयार किया गया है। ड्रोन से ली गई यह तस्वीर संगम नोज पर बनाए गए स्नान घाट का विस्तार दिखा रही है।
तंबुओं के इस नगर में चारो ओर तप और तप चल रहा है। माघ मेले में सैकड़ों स्थानों पर भंडारा चल रहा है। इस 40 दिन तक अस्थाई रूप से बसाई जाने वाली यह नगरी जैसे कभी सोती ही नहीं है। यहां हमेशा चहल पहल बनी रहती है।
तंबुओं के इस नगर को बसाने और सारी व्यवस्था देने के लिए सरकार ने 81 करोड़ रुपए का बजट पास किया है।
धर्म-अध्यात्म के इस नगर में देश-दुनिया के लोग शांति और सुकून की खोज में आते हैं।
कोई भी उम्र हो पुण्य की एक डुबकी लगाने की सभी को लालसा रहती है। यही लालसा लिए यह बूढ़ी मां पतित पावनी में स्नान करने पहुंचीं।
तंबुओं की यह नगरी रात में काफी आकर्षक लगती है।
संगम में एक लाइन से खड़ी यह नावें जीवन में हमेशा गतिमान रहने का संदेश देती हैं।
माघ मेले की यह तस्वीर ड्रोन कैमरे से ली गई है।
यह संगम जो बाड़ दिख रहा है यह नावों का है।
माघ मेले में यात्रियों की सुविधा के लिए इस बार 500 बेड की डोरमैट्री तैयार की गई है। यह सुविधा श्रद्धालुओं के लिए फ्री है।
अगर आपने माघ मेले को रात में शास्त्री ब्रिज से नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा।
क्या है मेले में खास व्यवस्था ?
माघ मेले के द्वितीय स्नान पर्व मकर संक्रांति को सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के विभिन्न रेलवे स्टेशनों-बस अड्डों पर भीड़ प्रबंधन के लिए होल्डिंग एरिया विकसित किया गया है।
अधिक भीड़ के समय प्रयागराज जंक्शन पर बने हुए चारों होल्डिंग एरिया को एक्टिव किया जाएगा।
प्रयागराज शहर में क्राउड मैनेजमेंट के लिए 14 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं।
मेले के सभी 17 प्रवेश द्वारों एवं सभी स्नान घाटों पर कोविड हेल्पडेस्क की व्यवस्था की गई है।
हर परिस्थिति हेतु मेडिकल रिस्पांस टीम तैयार रहेगी।
आपातकालीन स्थिति में ग्रीन कॉरिडोर का प्रयोग करने, स्नान पर्व पर एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने का निर्देश है।
मेला क्षेत्र में 30 एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है।
भगदड़ के दृष्टिगत एक कंटीजेंसी प्लान तैयार करने तथा ठंड ,हार्ट, लंग संबंधित बीमारियों की दवाई अनिवार्य रूप से अपनी डिस्पेंसरी में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
अग्नि दुर्घटना से लोगों को बचाने हो हेतु मेला क्षेत्र में 14 फायर स्टेशन की व्यवस्था की गई है।
जल पुलिस द्वारा 50 मोटर बोर्ड एवं 100 नावों की व्यवस्था की गई है जिसका प्रयोग मेले की सुरक्षा व्यवस्था बनाने में किया जाएगा।
कमिश्नर विजय विश्वास पंत और मेला अधिकारी अरविंद कुमार चौहान की ओर से जारी हेल्प लाइन नंबर 18001805340, 18001805341, 18001805349, 18001805350 और 18001805351 है। इस पर कोई भी श्रद्धालु 24 घंटे कॉल कर सकता है।
माघ मेले को देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर को भी विशेष रूप से सजाया गया है।