भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के एक्सटेंशन पर मुहर लग गई। नड्डा का कार्यकाल अगले एक साल यानी जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है। बता दें कि नड्डा को जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया। नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है।
दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आज आखिरी दिन है। आज बैठक में सामाजिक-आर्थिक प्रस्ताव पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इस प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि उनकी नीतियों की वजह से भारत दुनिया की पांच बड़ी इकोनॉमी में शामिल हो गया है।
इसके बाद शाम 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। मोदी की स्पीच को मार्गदर्शन वक्तव्य कहा गया है। इसके बाद दो दिन की यह मीटिंग खत्म हो जाएगी।
दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के दौरान मंच पर बैठे PM नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा।
मोदी बोले-कमजोर बूथों पर मजबूती से काम करें
पहले दिन यानी सोमवार की मीटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद मार्ग के पटेल चौक से लेकर NDMC कन्वेंशन सेंटर तक 15 मिनट का रोड शो किया। इसके बाद मोदी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि PM ने हर कमजोर बूथ पर मजबूती से काम करने को कहा है। देशभर में ऐसे 72 हजार बूथ की पहचान की गई है।
दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सभी केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।
10 राज्यों का विधानसभा चुनाव और 2014 लोकसभा चुनाव वजह
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, अगले साल तक 10 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2014 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह एक्सटेंशन किया गया है। नड्डा जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए गए। उनका चुनाव सर्वसम्मति से हुआ। इससे पहले पूर्व अध्यक्ष अमित शाह को भी 2019 में लोकसभा चुनाव तक विस्तार दिया गया था।
चुनावी साल में संगठन से छेड़छाड़ नहीं करने की रणनीति
पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की एक अहम वजह इसी साल के आखिर में होने वाले 9 विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी मई-जून के बीच चुनाव कराए जाने के आसार हैं। अगर जेपी नड्डा के नाम पर किसी वजह से सहमति नहीं बनती है, तो भूपेंद्र यादव का नाम रेस में सबसे आगे है। वहीं, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है।
भाजपा के संविधान के मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं
तकनीकी तौर पर देखें, तो 2022 में भाजपा संगठन के चुनाव नहीं हो सके हैं, इसलिए जेपी नड्डा को ही लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा जा सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता हैं।
लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने वाले तीसरे नेता बने नड्डा
नड्डा को फिर से अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल गई है। लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल करने वाले लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह के बाद तीसरे नेता बन गए हैं। हालांकि, राजनाथ सिंह भी दो बार पार्टी अध्यक्ष बने थे, लेकिन उनका कार्यकाल लगातार नहीं था। नीचे ग्राफिक में भाजपा के गठन से लेकर अब तक बने अध्यक्षों का ब्यौरा दिया गया है…
भाजपा कार्यकारिणी बैठक से जुड़े अपडेट्स…
अब तस्वीरों में देखिए, कार्यकारिणी बैठक के पहले दिन क्या कुछ हुआ…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद मार्ग से NDMC कन्वेंशन सेंटर तक करीब 15 मिनट रोड शो किया। इसके बाद वे कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे।
NDMC कन्वेंशन सेंटर में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचने पर PM मोदी का अभिवादन करतीं लोक कलाकार।
कार्यकारिणी की बैठक की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, साथ में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।
रोड शो के दौरान जनता का अभिवादन करते पीएम मोदी।
चुनावी राज्यों के संगठन में फेरबदल पर मुहर लग सकती है
2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। वहीं पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी इसी साल चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं। मीटिंग में इन राज्यों के संगठन में कसावट लाने के मकसद से जरूरी फेरबदल को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नए चेहरों को मौका मिल सकता है।
10 विधानसभाओं के चुनावों पर चर्चा, जहां 93 लोकसभा सीटें
जम्मू-कश्मीर को शामिल करने के बाद कुल 10 विधानसभाओं के चुनाव 2023 में होने के आसार हैं। इन राज्यों में लोकसभा की 17% सीटें आती हैं। साथ ही उत्तर से दक्षिण तक फैले इन राज्यों के फैसले से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जनता के मिजाज की झलक भी मिल सकती है। नीचे दिए ग्राफिक से इन 10 राज्यों का सियासी गणित समझा जा सकता है…
चुनावी राज्य छोड़ दिल्ली में बैठक के मायने
भाजपा की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में हुई थी। इस बार भी कयास यही थे कि इस अहम बैठक को किसी चुनावी राज्य में आयोजित कर सकती है। इनमें मध्य प्रदेश और तेलंगाना के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर साफ कर दिया है कि उसका चुनाव अभियान केंद्रीय लीडरशिप ही तय करेगी
नए साल में 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें लोकसभा की 93 सीटें आती हैं, जो कुल सीटों का 17% है। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट में आठ ऐसी याचिकाओं पर फैसला आना है, जिनका डायरेक्ट या इनडायरेक्ट असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां के नतीजों से केंद्र की तरफ से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को सही या गलत साबित करने की राय बनेगी। जम्मू-कश्मीर के मौसम को देखते हुए वहां विधानसभा चुनाव अगली गर्मी में ही कराए जाने के आसार हैं।