दिल्ली से मालदाटाउन के लिए निकली फरक्का एक्सप्रेस में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। वाराणसी जंक्शन पर पहुंची ट्रेन की बोगी में ही उसकी डिलीवरी की गई। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर ट्रेन में तालियां बज गईं। हर किसी के चेहरे पर खुशी थी। अब मां और बेटे दोनों स्वस्थ हैं। वहीं, ट्रेन वाराणसी जंक्शन से 20 मिनट लेट रवाना हुई।
वाराणसी रेलवे प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 13 फरवरी को दिल्ली से मालदा टाउन के लिए निकली ट्रेन के स्लीपर कोच सं S-3 के बर्थ सं-71 पर 38 साल की लाल बानो यात्रा कर रहीं थीं।
ट्रेन जब वाराणसी पहुंचने वाली थी, तभी उनको काफी जोर की प्रसव पीड़ा उठी। दर्द असहनीय था। लोगों ने उन्हें रेल मदद के बारे में जानकारी दी। लाल बानो ने तत्काल अपने फोन से रेल मदद पर कॉल करके सारी समस्या बता दी।
बच्चे की डिलीवरी करती रेलवे मंडल अस्पताल के डॉक्टरों की टीम।
ट्रेन आने से पहले पहुंचे डॉक्टर
सूचना पाकर पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल अस्पताल की पूरी मेडिकल टीम फरक्का एक्सप्रेस के वाराणसी जंक्शन पर पहुंचने के पहले ही पहुंच गई। कुछ ही देर में ट्रेन प्लेटफार्म नंबर-5 पर प्लेस होती है। मंडल अस्पताल की मेडिकल टीम ट्रेन के पूरी तरह रुकने से पहले ही महिला यात्री के बर्थ पर पहुंच जाती है।
लाल बानो का मेडिकल चेकअप, बीपी-पल्स आदि देखा जाता है। मंडल रेल हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर आयुष श्रीवास्तव और डाक्टर अमरनाथ ने टीम के साथ मिलकर पूरे केबिन खाली कराया। इसके बाद बोगी के चारों ओर का एरिया परदों से कवर कर दिया।
ट्रेन में गूंजी किलकारियां
जरूरी मेडिकल सुविधाओं के साथ महिला का प्रसव शुरू किया गया। कुछ ही देर में नई जिंदगी की किलकारियां ट्रेन में गूंज उठती है।इसके बाद डॉक्टरों ने साफ-सफाई कराकर महिला को दवाएं खिलाईं।
जांच करके बताया कि अब जच्चा और बच्चा दोनों पूर्ण रूप से स्वस्थ और सुरक्षित हैं। महिला यात्री लाल बानो ने डॉक्टरों की टीम और रेलवे प्रशासन को इस इमरजेंसी सेवा के लिए धन्यवाद दिया। इसके बाद ट्रेन को मालदा टाउन के लिए रवाना किया गया।