बस 5 मिनट… और आपकी बाइक गायब। पलक झपकते गाड़ियों का लॉक तोड़ने वाले 10वीं फेल ये चोर टेक्नोलॉजी के ऐसे जानकार हैं कि आपके होश उड़ जाएंगे। इनके निशाने पर होंडा और पल्सर गाड़ियां थीं। इनके पास से 21 मोटरसाइकिल बरामद की गई हैं। जिनकी कीमत लगभग 16 लाख 80 हजार से अधिक बताई जा रही है। चोरी की गई गाड़ियों को 3 से 10 हजार में बेच देते हैं। गाड़ी चुराने का तरीका चौंकाने वाला है।
7 वाहन चोर गिरफ्तार
सोमवार को नैनी कोतवाली पुलिस ने पुराने यमुना पुल के नीचे से एक बड़े अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के 7 शातिर को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की उम्र 19 से 22 साल के बीच है। वाहन चोरों ने पूछताछ में ऐसी जानकारी दी, जिससे एक बार को पुलिस भी घूम गई। डिटेल में जानकारी ली गई तो पूरा खेल सामने आया।
हाईस्कूल फेल है गैंग का सरगना
डीसीपी यमुनानगर संतोष कुमार मीणा ने बताया, गाड़ियों के चोरी होने की शिकायत मिल रही थी। खुलासे के लिए टीम लगाई गई। वारदात के आधार पर अपराधियों का डेटाबेस तैयार किया गया। सभी से पूछताछ की गई। टीम द्वारा अलग-अलग जगह हुई वारदातों के घटनास्थल का निरीक्षण कर आसपास के CCTV खंगाले गए।
पुराने यमुना पुल के नीचे चेकिंग के दौरान 7 गाड़ियों से अलग-अलग आ रहे युवकों की चेकिंग की गई तो इनके पास के कोई दस्तावेज नहीं मिला। पूछताछ की गई तो घबराकर भागने लगे। पुलिस ने सभी को दौड़ाकर पकड़ लिया।
किराए पर कमरा लेकर रहता था सरगना
गाड़ियों की चोरियां करने वाले सरगना प्रियम उर्फ रचित श्रीवास्तव निवासी डभौरा, बरगढ़ चित्रकूट, राजू हरिजन निवासी छोटा चाका, नैनी, राजकुमार उर्फ रिंचू निवासी महेवा खान चौराहा, नैनी, अरबाज अहमद निवासी घूरपुर खास, घूरपुर, मलखान सिंह निवासी घूरपुर, मोहम्मद कैफ उर्फ छोटू निवासी महेवा नई बस्ती, नैनी, संजय कुमार निवासी घूरपुर को गिरफ्तार किया है।
गैंग का सरगना प्रियम उर्फ रचित श्रीवास्तव के पिता मुंबई में प्राइवेट काम करते हैं। प्रियम नैनी के चाका में मछली गेट शक्ति नगर चौक के पास किराए का कमरा लेकर रहता था। एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ता था। जहां हाईस्कूल में फेल हो गया था। इसकी उम्र महज 19 साल है।
शौक पूरा करने के लिए चुराते थे गाड़ियां
पुलिस पूछताछ में पता चला कि ये शौक पूरा करने के लिए गाड़ियों को चुराते थे। 100 से ज्यादा वारदातों को इन्होंने कबूला है। गिरोह का सरगना प्रियम हाईस्कूल फेल है। यूट्यूब देख गाड़ियों का लॉक तोड़ना और तार काटकर बिना चाबी के बाइक स्टार्ट करना सीखा था।
प्रियम ने गिरोह के सभी सदस्यों को ट्रेनिंग भी दी थी। यह सभी शादी घर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के आस-पास खड़ी गाड़ियों पर नजर रखते थे। मौका मिलते ही मोटरसाइकिल का लॉक पैर से तोड़ देते और इंजन के पास लगे एक तार को काटकर गाड़ी स्टार्ट कर देते। फिर वहां से भाग जाते थे।
इसके बाद गाड़ी को बेचने के लिए गांव के ऐसे लोगों को तलाश करते जिन्हें सस्ते दाम पर बाइक की जरूरत होती थी। ये गाड़ियों के पुर्जों में हेरफेर कर उसके चेसिस नंबर को मिटा देते। जिससे पकड़ में न आ सके।
ग्लाइंडर मशीन से चेसिस नंबर खुरच देते थे
डीसीपी यमुनानगर संतोष कुमार मीणा ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर पुराने यमुना पुल के नीचे झाड़ियों में छिपा कर रखी गई 13 बाइक बरामद की है। चोरी की 13 अन्य मोटरसाइकिल व एक कटी हुई मोटरसाइकिल भी बरामद की गई। उनके पास ग्लाइंडर मशीन, वाहन काटने के उपकरण व 2220 रुपए नकद भी मिला है। ये लोग ग्लाइंडर मशीन से चेसिस नंबर खुरच देते थे।