काशी के पर्यटक गंगा विहार संग करेंगे जंगल सफारी:छान पातर दरी में बन रहा वाइल्ड लाइफ इको टूरिज्म डेस्टिनेशन; कभी था नक्सलियों का गढ़

KHABREN24 on February 25, 2023

काशी आने वाले देसी-विदेशी पर्यटक अब गंगा विहार के साथ ही जंगल सफारी का भी लुत्फ उठाएंगे। वो ट्रेकिंग करेंगे। घने जंगल के बीच झील और झरने पर पानी पीने आ रहे जानवरों को देख सकेंगे। खाने-पीने और ठहरने की हर सुविधा मिलेगी। साथ में बाघ, तेंदुआ, मगरमच्छ और चार सींग वाले हिरण, गिद्ध और ग्रे-हेडेड फिश ईगल जैसे परिंदो का एडवेंचर और पहाड़ियों पर बच्चों के खेलने लायक फ्रेंडली पार्क।

इफ इको टूरिज्म डेस्टिनेशन बनेगा। कभी यह क्षेत्र नक्सलियों के आतंक से पीड़ित रहा है। यहां पर दिन-दहाड़े लूटमार और हत्याएं हो जाती थीं। आज यहां पर टूरिस्ट सुविधाओं को बढ़ाने की योजना तैयार की गई है।

ताकि यूपी और बिहार दोनों जगह के पर्यटक और स्थानीय लोग आएंगे। यह क्षेत्र विंध्यन पहाड़ी के कैमूर रेंज में आता है। यहां पर कर्मनाशा नदी है, जिसके बगल में बसा है, करकटगढ़ गांव।

75 मगरमच्छों का प्राकृतिक घर है ये जगह

चंदौली के घने वीरान जंगलों में बसे इस गांव में पहली बार टूरिस्ट यूटिलिटी की सैकड़ों फैसिलिटिज तैयार किए जाएंगे। फिलहाल, यहां पर सिर्फ एक वाटरफॉल है, जाे कि मगरमच्छों का प्राकृतिक आवास भी है। करीब 75 मगरमच्छ यहां पर स्पॉट किये गए हैं। कहते हैं कि कभी मुगल और अंग्रेज अधिकारी शिकार खेलने यहां पर आया करते थे। ब्रिटिश काल में यहां एक शानदार बंगला भी बनाया गया था। इस पुराने डाक बंगले को फिर से व्यवस्थित करके खूबसूरत रूप देने की तैयारी है। शुरुआती तौर पर 2 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिस पर राज्य सरकार को अंतिम मुहर लगानी है।

वाटरफॉल का मुआयना करतीं पूर्व डीएम ईशा-दुहन।

रॉक गार्डन यानी स्थानीय विशेष पत्थरों से जीव जंतुओं की आकृति वाले बैठने के स्थान, एडवेंचर स्पोर्ट्स, मोरम की रोड, सोविनियर शॉप, गोल हट, साइनेज, सोलर लाइट्स, बंबू प्लांटेशन यानी कि सड़क के किनारे बांस के पौधे, स्थानीय लकड़ियों से बच्चों के खेलने के लिए जगह, मचान/वॉच टावर, सेल्फी पॉइंट, प्रवेश द्वार का निर्माण, पार्किंग, सिक्योरिटी हट, शौचालय और कैंटीन के साथ स्वागत कक्ष, बांस की रेलिंग, सड़क की पटरी और पीने के पानी आदि व्यवस्थाएं दी जाएंगी। ये सभी पब्लिक यूटिलिटी की चीजें आज यहां पर नहीं मिलती, जिसकी वजह से कोई भी पर्यटक इन सुंदर वादियों में नहीं आना चाहता।

ये सब हैं पहले से मौजूद
कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के अंतर्गत यहां पर जंगली जानवरों काफी देखे जाते हैं। बाघ, तेंदुआ, चार-सींग वाले हिरण, सांभर हिरण, चीतल, स्लोथ डिअर, जंगली सूअर आदि भी प्यास बुझाने कर्मनाशा नदी में ही आते हैं। साथ ही, वाटरफॉल के आस-पास द ग्रेट ईगल, किंगफिशर, नाइटजर, वुड पीजन, ग्रे पार्ट्रिज, ग्रे-हेडेड मछली ईगल, उल्लू आदि परिंदों को उड़ते देखा जा सकता है।

  • तस्वीरों में देखिए यहां की सुंदरता
छान दरी में पर्यटकों की सुविधाएं तैयार की जा रहीं हैं।

छान दरी में पर्यटकों की सुविधाएं तैयार की जा रहीं हैं।

छान पातर दरी के पास जंगली जानवर पानी पीते आते हैं। इसमें बाघ, तेंदुआ और जंगली सुअर भी हैं।

छान पातर दरी के पास जंगली जानवर पानी पीते आते हैं। इसमें बाघ, तेंदुआ और जंगली सुअर भी हैं।

बाघ, तेंदुआ, चार-सींग वाले हिरण, सांभर हिरण, चीतल, स्लोथ डिअर, जंगली सूअर आदि भी प्यास बुझाने कर्मनाशा नदी में ही आते हैं।

बाघ, तेंदुआ, चार-सींग वाले हिरण, सांभर हिरण, चीतल, स्लोथ डिअर, जंगली सूअर आदि भी प्यास बुझाने कर्मनाशा नदी में ही आते हैं।

यहां पर बनारस सहित यूपी-बिहार के कई जिलों के लोग वीकेंड्स एंजॉय करने आते हैं।

यहां पर बनारस सहित यूपी-बिहार के कई जिलों के लोग वीकेंड्स एंजॉय करने आते हैं।

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