आईआईटी भिलाई के नए कैंपस का उद्घाटन मई के अंतिम हफ्ते में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। उन्हीं के हाथों नेहरू नगर से टाटीबंध के बीच बन रहे चार फ्लाई ओवर में से भिलाई पावर हाउस और चंद्रा-मौर्या, सुपेला फ्लाई ओवर का भी उद्घाटन करने की तैयारी है। जिला प्रशासन ने कार्य एजेंसी को इसके लिए तैयारी करने को कह दिया है, साथ खुद भी इससे संबंधित सारी औपचारिकताओं को पूरा करने में जुट गया है।
आईआईटी का संचालन इन दिनों रायपुर में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से किया जा रहा है। इसका कैंपस कुटेलाभाठा भिलाई में बनकर तैयार है। यहां दिसंबर 2022 से प्रथम बैच शुरू करने की तैयारी थी। इसी दौरान पानी की उपलब्धता और बिजली के लिए ट्रांसफार्मर लगाने के काम में दिक्कतें आईं। दोनों समस्याओं को हल कर लिया गया है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री के हाथों आईआईटी परिसर को लोकार्पित करने के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा चुका है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए केवल सुपेला-चंद्रा मौर्या और भिलाई पावर हाउस फ्लाई ओवर का काम अंतिम चरण पर हैं। इसे देखते हुए दोनों के उद्घाटन की तैयारी है।
पहले चंद्रा-मौर्या और पावर हाउस फ्लाई ओवर शुरू होगा
चंद्रा-मौर्या, सुपेला ब्रिज
पावर हाउस फ्लाई ओवर
कुम्हारी और डबरा पारा के लिए करना होगा इंतजार
डबरा पारा फ्लाई ओवर
कुम्हारी फ्लाई ओवर
इसलिए दो साल पीछे चल रहा प्रोजेक्ट
नेहरू नगर से टाटीबंध के बीच करीब 37 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग में चार स्थानों चंद्रा-मौर्या व सुपेला, पावर हाउस, डबरा पारा और कुम्हारी में करीब 287.63 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाई ओवर बनाने का काम वर्ष 2019 में शुरू किया गया। कोरोना काल में दो साल काम रुका रहा। कुम्हारी फ्लाई ओवर में दुर्ग से रायपुर वाले हिस्से में तकनीकी खामी आई। इसमें लगने वाला विशेष बेयरिंग तमिलनाडु से समय पर नहीं आ सका। पावर हाउस में नीचे गंदा पानी के जमा होने की समस्या रही। डबरा पारा में तालाब, पेट्रोलियम और रेलवे की जमीन की वजह से काम उलझा रहा। चंद्रा-मौर्या और सुपेला में अधिक ट्रैफिक ने काम प्रभावित किया। अब स्थिति सुधर गई है। काम ने गति पकड़ लिया है।
पीएम के दौरे को देखते हुए निर्णय
“पहले योजना चारों फ्लाई ओवर की एक साथ उद्घाटन करने की थी। धीमी गति से निर्माण के कारण संभव नहीं हो पाया। पीएम के संभावित दौरे के देखते हुए सुपेला और पावर हाउस फ्लाई ओवर को पहले तैयार करने कहा है।”
पुष्पेंद्र मीणा, कलेक्टर, दुर्ग