प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के एकलौते गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को सरेआम हत्या कर दी गई। GT रोड पर उमेश पाल की गाड़ी रुकते ही करीब 13 हमलावरों ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दीं थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 5 लाख रुपए का इनामी असद ने हत्या की वारदात से पहले 16 मोबाइल और 16 सिम कार्ड ख़रीदे थे। सभी शूटर्स को तीन-तीन सिम और मोबाइल दिए थे। साथ में यह भी निर्देश दिया था कि कोई भी शूटर सीधे कॉल ना करके वॉट्सऐप कॉल से ही बात करेगा। मामले में STF मोबाइल और सिम कार्ड देने वाले दुकानदार को उठाकर पूछताछ कर रही है।
शाइस्ता परवीन पर शूटरों को रुपए देने का आरोप है।
शाइस्ता ने सभी शूटर्स को दिए थे एक-एक लाख रुपए
STF की पूछताछ और वॉट्सऐप चैटिंग से यह बात सामने आई है कि अतीक अहमद की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन ने सभी शूटर्स को हत्या की वारदात से पहले 1-1 लाख रुपए एडवांस दिया था। शूटरों को रुपए देने की वजह से ही अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन के ऊपर पुलिस ने 25 हजार रुपए इनाम घोषित किया है। तभी से शाइस्ता परवीन फरार चल रही हैं।
अतीक के बेटे एजम और अबान बाल सुधार गृह में हैं। दोनों अपनी मां शाइस्ता परवीन के साथ मंचों पर दिखाई देते रहे हैं।
फर्जी नाम-पते पर असद ने खरीदे थे मोबाइल, सिम कार्ड
सूत्रों के मुताबिक, सभी 16 सिमकार्ड फर्जी नाम और पते पर खरीदा गया है। हालांकि STF उस दुकानदार तक पहुंच गई है। जहां से मोबाइल और सिमकार्ड खरीदे गए थे। STF ने उस दुकानदार से पूछताछ की है। पूछताछ के आधार पर शूटर्स को पकड़ने के लिए अपना जाल बिछा दिया है।
हालांकि अभी तक मुख्य आरोपी अतीक का तीसरे नंबर का बेटा असद, मुस्लिम गुड्डू, साबिर और ईटऑन बिरयानी शॉप का मालिक अरमान फरार हैं। STF एक सप्ताह से संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही चारों शूटर्स को STF की पकड़ लेगी।
उमेश पाल मर्डर केस में शामिल शूटर्स अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ से मिले थे।
अतीक-मुख्तार गिरोह के सदस्यों से जेल में मिलना मुश्किल
इधर, यूपी पुलिस और शासन के लिए चुनौती बने जेल में बंद माफियाओं और उनके गुर्गों से मिलने का सिस्टम बदल गया है। मुख्तार और अतीक गैंग के सदस्यों से कोई भी ऐसे ही नहीं मिल पाएगा।
जेल में मुलाकात के समय लोकल इंटेलिजेंस ( LIU) की टीम भी रहेगी। यही नहीं तय समय सीमा के अंदर ही गुर्गों से जेल में मुलाकात हो सकेगी। मुलाकात करने वालों का एलआईयू रिकॉर्ड भी रखेगी। सरकार ने यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया है।
जेल प्रशासन ने अतीक और मुख्तार के गुर्गों को चिन्हित कर एक लिस्ट भी तैयार की है। चिन्हित गुर्गों से मिलने वालों का रिकॉर्ड मेनटेन किया जाएगा। बार-बार मिलने वाले के नामों की लिस्ट SSP और जिलाधिकारी को भी दी जाएगी। मुलाकात से पहले और बाद में मिलने वाले की सघन तलाशी होगी। यह आदेश पुलिस महानिदेशक कारागार द्वारा प्रदेश की सभी जेलों को भेजा गया है।
उमेश पाल की 13 मार्च को तेरहवीं की गई। मां शांति पाल का कहना है कि अतीक अहमद के परिवार का जब तक खात्मा नहीं होगा। उनके कलेजे को ठंडक नहीं मिले्गी।
उमेश पाल को 24 फरवरी को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस हत्याकांड में अतीक अहमद के बेटे असद की गोली चलाते वीडियो वायरल हुआ था।
उमेश पाल मर्डर केस में अतीक का खास गुर्गा मुस्लिम गुड्डू भी शामिल था। वही बम बरसा रहा था।