स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को शहर के गोबर गली (सीएवी इंटर कॉलेज) में अवैध रूप से संचालित वर्षों पुरानी क्लीनिक पर छापेमारी की। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (पंजीकरण) डॉ. तीरथ लाल की नेतृत्व में पहुंची टीम को देखकर एक अवैध क्लीनिक संचालक झाेलाछाप डॉ. शैलेश क्लीनिक बंद करके भाग गए। दो अन्य झोलाछाप विशाल आनंद एवं अजीत सिंह के यहां छापेमारी हुई। पता चला कि यहां इन लोगों के पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन यह लंबे समय से हड्डी के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडेय द्वारा यहां पहली बार इस तरह की कार्रवाई की गई है।
उक्त सभी संचालकों को नोटिस दी गई जिसमें 3 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। इसके बाद क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई करते हुए अगली कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी में डिप्टी सीएमओ डॉ. नवीन गिरि, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राकेश जायसवाल आदि मौजूद रहे।
गोबर गली में चल रहे अवैध क्लीनिक का इस तरह किया जाता है प्रचार प्रसार।
वर्षों से चल रहा है यह अवैध क्लीनिक
दरअसल, गोबर गली वर्षों से यहां अवैध क्लीनिक संचालित हो रही है। बाहर बोर्ड पर लिखा गया है कि यहां देशी तरीके से टूटी व खिसकी हड्डी बैठाने का पुराना विश्वसनीय स्थान है। बिना किसी स्पेशलिस्ट के यहां हड्डी के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बताया जाता है कि यहां कई साल पहले अजय यादव व जगन्नाथ यादव भी यही काम करते थे। टूटी हड्डियों को बैठाने का काम किया जाता रहा। अब उन्हें के सभी प्रपौत्र अलग अलग नाम से अपनी अवैध क्लीनिक संचालित कर रहे हैं।