सीएमओ आफिस के कक्ष संख्या एक में दो छात्र दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंचे थे। नाम था गांधी जी विश्वकर्मा और अरविंद कुमार। दोनों बोलने और सुनने में पूरी तरह से असमर्थ थे। मेडिकल बोर्ड के नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमओ डॉ. नवीन गिरि के सामने पेश हुए। दोनों इशारे में डॉ. गिरि से बातचीत करना चाहते थे। लेकिन डिप्टी सीएमओ उनके इशारों को नहीं समझ सके। कुछ सवाल उन्होंने इशारों के जरिए किया लेकिन वह दोनों छात्र नहीं समझे। डॉ. गिरि ने उनकी बात समझने के लिए एक्सपर्ट बुलाया फिर पता चला कि वह यहां दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आए हैं लेकिन कुछ असुविधाएं हो रही हैं। डॉ. नवीन पूरी कागजी प्रक्रिया पूरी कराई और जांच के लिए काल्विन अस्पताल भेजा।
कागज अधूरा होने से नहीं बन रहा था सर्टिफिकेट
मूकबधिर गांधी जी विश्वकर्मा 10वीं में तो अरविंद कुमार 11वीं कक्षा में पढ़ते हैं। दोनों शाहपुर के रहने वाले हैं। डॉ. गिरि ने बताया कि इन छात्रों का कुछ कागज अधूरा था इसलिए इनका दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बना था। उसे ठीक कराते हुए सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। बता दें कि प्रत्येक सोमवार को सीएमओ आफिस में मेडिकल बोर्ड बैठती है जहां दिव्यांगजन का परीक्षण कर उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाता है। आधार कार्ड, फोटो लाना अनिवार्य होगा ताकि सर्टिफिकेट को ऑनलाइन भी किया जा सके।