छत्तीसगढ़ में ईडी ने अपने बड़े एक्शन का खुलासा किया है। मंगलवार को आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर, कोल कारोबारी और कुछ कांग्रेसी विधायकों की संपत्ति सीज की गई है।
पिछले साल से ही प्रवर्तन निदेशालय छत्तीसगढ़ में कोयला लेवी वसूली मामले की जांच कर रही है, इस मामले में अब ईडी ने संपत्ति ज़ब्त की है।
संपत्तियों को भी जब्त कर लिया गया है।
मंगलवार को इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए ईडी की तरफ से ट्विटर पर लिखा गया कि प्रदेश में 90 चल अचल संपत्तियों को सीज किया गया है। जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ज्वेलरी और नगद शामिल है। कुल 51. 40 करोड़ की संपत्ति को बरामद किया गया है।
DB ओरिजनल की खबर के अनुसार….
यह बरामदगी आईएएस रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्र देव राय के पास से की गई है। यह कोल एक्सटॉर्शन स्कैम से जुड़ा हुआ मामला है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में अब तक 221.5 करोड़ के आसपास की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
मंगलवार को रायपुर-भिलाई में छापा
उधर, मंगलवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय(ED) की टीम ने एक बार फिर से छापेमार कार्रवाई की है। जिनके ठिकानों पर ईडी ने दबिश देने की खबर है, उनमें रवि बजाज, सुमित मालू और भिलाई के रहने वाले अरविंद सिंह शामिल हैं। इन सभी के ठिकानों पर ईडी की टीम सर्चिंग कर रही है।
प्रदेश में ईडी ने 2000 करोड़ रुपए के आसपास शराब घोटाले का दावा किया है। इस मामले में रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर ईडी की हिरासत में है और बार-बार महापौर एजाज ढेबर को भी पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में बुलाया जा रहा है। अब हुई छापेमारी के तार इसी कार्रवाई और घोटाले से जुड़े हैं।
रायपुर महापौर एजाज ढेबर को भी बार-बार पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर बुलाया जा रहा है।
ED बोली पॉलिटिकल मास्टर्स को दी गई रकम
ED की अब तक की जांच में ये कहा गया है कि साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब के काम से पैदा किया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया। ED की ओर से ऑन रिकॉर्ड बड़ी बात कही गई वो ये कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स (राजनीतिक संरक्षकों) को दी है