अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ की हत्या के बाद बेनामी संपत्तियों को लेकर अब जेठानी शाइस्ता परवीन और उसकी देवरानी जैनब फातिमा के बीच तल्खी बढ़ गई है। दोनों के बीच इस कदर विवाद बढ़ा कि अशरफ की पत्नी जैनब ने अपना अलग गैंग JF-56 बना लिया है। अब गैंग को जैनब और उसका फरार भाई सद्दाम चला रहा है। अतीक अहमद के गैंग IS-227 को अभी भी शाइस्ता परवीन ही डील कर रही है। फिलहाल गैंगवार का इंटेलिजेंस इनपुट मिलने के बाद पुलिस और एसटीएफ भी सतर्क हो गई है।
खबर में आगे बढ़ने से पहले समझते हैं विवाद की वजह…
माफिया अतीक अहमद ने आईएस- 227 गैंग की बदौलत पूरे देश में कई हजार करोड़ की बेनामी संपत्तियां बना रखी हैं। इनसे हर महीने अतीक अहमद को लाखों रुपए वसूली आती थी। अतीक अहमद और अशरफ इसे जेल से अपने वफादार शूटर्स की मदद से संचालित करते थे। खौफ की बदौलत यह गैंग बेनामी संपत्तियों पर अतीक का कब्जा कायम रखने में कामयाब रहा था।
ये कहानी 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या से बदलती है। सीसीटीवी फुटेज आने के बाद अतीक अहमद के तीसरे नंबर के बेटे असद, शूटर गुड्डू मुस्लिम, साबिर, मोहम्मद गुलाम, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज का नाम सामने आया था।
अतीक अहमद अपने छोटे भाई अशरफ को बहुत चाहता था। यही कारण रहा कि बीवियों के बीच मन मुटाव कभी के बीच की दीवार नहीं बना।
बाद में जांच में अतीक, अशरफ और शाइस्ता परवीन का भी नाम सामने आया था। शूटर्स को शरण देने का आरोप अशरफ की पत्नी जैनब, अतीक के साले अखलाख और उसकी बहन आयशा नूरी पर भी लगा था। एसटीएफ और पुलिस ने सभी की धर पकड़ तेज की तो शाइस्ता परवीन, आयशा नूरी और जैनब फातिमा फरार हो गईं। इसके बाद 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में तीन शूटर्स लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह ने गोलियों की बौछार कर मौत की नींद सुला दिया था।
अतीक और अशरफ की 15 अप्रैल को हत्या कर दी गई थी।
अब परिवार बिखर चुका था। अतीक और अशरफ की हत्या हो गई। शाइस्ता परवीन और जैनब फातिमा फरार थीं। अतीक के बेटे अली और उमर के जेल में होने, असद के एनकाउंटर होने के कारण अतीक की बेनामी संपत्तियां जिनके पास थीं वो खुद उसपर कब्जा जमाने लगे हैं। हर महीने जो रुपए तय थे। वह अतीक के नहीं रहने पर शाइस्ता परवीन के पास ही आया करते थे। उसके फरार होने के कारण रुपये आने बंद हो गए हैं।
इनमें कई बेनामी संपत्तियां अशरफ की भी थीं। ऐसे में इन बेनामी संपत्तियों के मालिकाना हक को लेकर शाइस्ता परवीन और जैनब फातिमा के बीच विवाद बढ़ना शुरू हो गया। अतीक और अशरफ के जेल में जाने के बाद वसूली के रुपए भी शाइस्ता परवीन के ही पास आते थे। इस बात को लेकर भी जेठानी और देवरानी में मनमुटाव बढ़ गया। इसके बाद जैनब फातिमा ने अपने भाई सद्दाम के साथ मिलकर आईएस- 227 गैंग से अलग होकर खुद अपना गैंग बना लिया और नाम रखा JF-56। सद्दाम फरार है और जैनब फातिमा भूमिगत।
गुड्डू मुस्लिम अतीक का बहुत खास गुर्गा था। अब वह शाइस्ता परवीन का बेहद खास राजदार बन गया है।
गैंगवार का इनपुट मिलने की आशंका, एजेंसियां सतर्क
अतीक और अशरफ के जेल में बंद गुर्गों और अतीक की आईएस–227 गैंग मेंबर्स के फोन जांच एजेंसियों ने लिसनिंग पर लगा रखा है। ऐसे में खुफिया एजेंसियों को गैंग में मन मुटाव होने, दोनों गैंग मेंबर्स के बीच बेनामी संपत्तियों पर कब्जे को लेकर वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। गैंगवार होने के इनपुट मिलने के बाद पुलिस और जांच एजेंसियों को अलर्ट किया गया है।
अतीक अहमद के काले साम्राज्य और करोड़ों की संपत्तियों पर अपना हक और कब्जा जमाने के लिए सद्दाम और जैनब सामने आ गए हैं। अशरफ के साले सद्दाम की भी नजर अतीक अहमद के आईएस- 227 गैंग पर है। दोनों ने अपने गुट तैयार कर लिए हैं। अतीक गैंग के जेल में बंद सदस्य भी इस मामले में सक्रिय हुए हैं। दोनों गुटों की सरगना लेडी डॉन शाइस्ता परवीन और जैनब फातिमा अपने-अपने गुर्गों के जरिए गैंग पर वर्चस्व बनाने की कोशिश में हैं।
शाइस्ता और जैनब के बीच कभी नहीं बनी। दोनों में शुरू से मनमुटाव रहा है। दोनों एक साथ बहुत कम सार्वजनिक कार्यक्रमों में देखी गईं।
अगर शाइस्ता परवीन के खास गुर्गों की बात की जाए तो उसमें इस समय सबसे बड़ा नाम गुड्डू मुस्लिम का आता है। इसके बाद उसका सबसे खास शूटर साबिर जोकि शाइस्ता परवीन के साथ वोट मांगने के दौरान साए की तरह देखा गया था। गुड्डू मुस्लिम और साबिर इस समय शाइस्ता के साथ फरार हैं।
ऐसे ही अगर अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा की बात की जाए तो उसके सबसे खास लोगों में उसका भाई सद्दाम है। अशरफ के जेल जाने के बाद सद्दाम की वसूली का काम देखता है और जैनब को सारा हिसाब किताब देता था। उसके अलावा कौशांबी के सॉलीसिटर वैली का मालिक बिल्डर मयंक जायसवाल भी अशरफ का खास आदमी और फाइनेंसर है। कौशांबी का अब्दुल कवि भी जैनब फातिमा का बेहद भरोसेमंद गुर्गा है। वह जेल में है।