26 वर्ष पुराने मामले में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय कर दिया गया। मामले में पूर्व विधायक अजय राय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय के कोर्ट में पेश हुए। जिसके बाद अदालत में उन पर आरोप तय कर दिया।
विधान सभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति नामांकन जुलूस निकालने के 26 वर्ष पुराने मामले में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय कर दिया गया। इस मामले में पूर्व विधायक अजय राय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय के कोर्ट में पेश हुए। जिसके बाद अदालत में उन पर आरोप तय कर दिया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि नौ सितंबर नियत कर दी।
बता दें कि कैंट पुलिस ने अदालत में दर्ज कराए परिवाद में आरोप लगाया था कि 11 सितंबर 1996 को करीब 12 बजे दिन में तत्कालीन विधायक प्रत्याशी अजय राय ने अपने समर्थक राजेश रंजन, रामाश्रय, सुरेश उपाध्याय, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, सच्चिदानंद, सत्यनारायण, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सत्येंद्र सिंह, अमरनाथ, जयप्रकाश, राकेश, लालजी दूबे समेत 350-400 लोगों के साथ 200-250 गाड़ियों, बस, कार, जीप, स्कूटर, मोटर साइकिल एवं ट्रैक्टरों में भरकर जुलूस निकाला।
नारेबाजी करते हुए जौनपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग से होते हुए शिवपुर बाईपास से कचहरी जाने वाले मार्ग पर अजय राय के नामांकन के विषय में मुख्य मार्गों को घेरकर अवरोध उत्पन्न किया। साथ ही गाड़ियों में और छत पर बैठे लोगों ने अजय राय के समर्थन में उत्तेजक नारे लगाते हुए पूरे मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। इतनी अधिक संख्या में वाहनों एवं व्यक्तियों को एकत्र करके उत्तेजक नारेबाजी लगाते हुए जुलूस निकालने के संबंध में निषेधाज्ञा 6 सितंबर 1996 के तहत वर्णित किसी सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त नहीं कि गयी थी।
जिस पर शहर की शांति व्यवस्था बनाये रखना अधिकारियों व पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था और शहर की शांति व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो गयी थी। जिस पर अजय राय समेत सभी लोगों के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध दाखिल किया गया था।
इस मामले में मंगलवार को पूर्व विधायक अजय राय कोर्ट में पेश हुए और उनका चार्ज बनाया गया। वहीं दूसरी ओर एक अन्य मामले में वर्ष 2015 में प्रतिकार यात्रा के दौरान उपद्रव करने के मामले में भी मंगलवार को पूर्व विधायक अजय राय कोर्ट में पेश हुए थे। जिसमें सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 सितंबर नियत कर दी गयी।