उत्तराखंड टनल रेस्क्यू… आज ओले-बारिश की आशंका:हाथ से ड्रिलिंग कर 0.9 मीटर पाइप डाला, PM मोदी बोले- मजदूरों के लिए प्रार्थना करें

KHABREN24 on November 28, 2023

उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए कोशिशें जारी हैं। उधर, मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 24 घंटे के दौरान बारिश और ओलावृष्टि की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम में बदलाव से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानियां आ सकती हैं।

इधर, रेस्क्यू टीम ने सोमवार सुबह 3 बजे सिल्क्यारा की तरफ से फंसे ऑगर मशीन के 13.9 मीटर लंबे पार्ट्स निकाल लिए। उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड, साफ्ट और ब्लेड को काटकर बाहर निकाल लिया गया है। रैट माइनर्स ने मैन्युअल ड्रिलिंग करते हुए पाइप को 0.9 मीटर आगे पुश किया।

अपर सचिव सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी तेजी से चल रहा है। अब तक 36 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। मलबे में मशीन के ब्लेड फंसने की वजह से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग 24 नवंबर से बंद थी।

पीएम मोदी ने सोमवार शाम देशवासियों से उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए प्रार्थना करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

सिल्क्यारा टनल में फंसी ऑगर मशीन की ब्लेड 27 नवंबर की सुबह निकाली गई।

16 दिन से फंसे 41 मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग जारी है। अब तक 31 मीटर खुदाई हो चुकी है। उधर, टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने पीएम नरेंद्र मोदी के विशेष सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय के भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू भी पहुंचे।

रैट माइनर्स पर मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी
दिल्ली के रहने वाले मुन्ना अपने सहयोगी रैट माइनर्स के साथ सिल्क्यारा टनल साइट पर पहुंच चुके हैं। ये वर्कर रॉकवेल कंपनी में काम करते हैं। ये लोग मैन्युअल ड्रिलिंग के एक्सपर्ट वर्कर हैं। ये 2-2 के ग्रुप में टनल पैसेज में जाएंगे और बची हुई 12 मीटर की हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग को हाथों से अंजाम देंगे। मुन्ना के मुताबिक ये सभी टनल के अंदर जाकर ड्रिलिंग के लिए तैयार हैं।

क्या होते हैं रैट माइनर्स
रैट यानी चूहा। पतले से पैसेज में अंदर जाकर ड्रिल करने वाले मजदूरों को रैट माइनर्स कहते हैं। इस तरह से ड्रिल करने के किए स्पेशल ट्रेनिंग, स्किल और काफी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। ये रैट माइनर्स 800mm के पाइप में घुसकर ड्रिल करेंगे।

Shree Shyam Fancy
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