अयोध्या मे 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। उसी दिन यूपी की पहली वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने की भी तैयारी चल रही है। यह सरयू नदी में नयाघाट और गुप्तारघाट के बीच में संचालित होगी। इस सेवा का जलावतरण (शुभारंभ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की भी तैयारी भी चल रही है। हालांकि अभी अधिकृत जानकारी किसी जिम्मेदार अफसर से नहीं मिली है। फिर भी भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण व मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट शिपिंग एंड वाटरवेज गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की ओर से दो फ्लोटिंग जेट्टी भेजे गए हैं।
दोनों फ्लोटिंग जेट्टी मंगलवार की शाम को अयोध्या पहुंचे। यहां लाए गए लंबे-चौड़े इन दोनों जेट्टी में से एक को संत तुलसीदास घाट और दूसरे को गुप्तारघाट पर रखा गया है। इस जेट्टी को विशालकाय नावों के सहारे पटना से लेकर आने वाले नाविक टुनटुन महंतो बिंद ने बताया , 14 दिनों में 17 नाविकों ने दोनों नावों से अयोध्या पहुंचे है। इन दो नावों के मध्य दोनों जेट्टी को बांधकर जलमार्ग से लाया गया। दोनों जेट्टी हाजीपुर से 28 नवंबर से चलकर पटना आए और फिर पटना से 30 नवंबर को अयोध्या के लिए निकले थे। 12 दिसंबर को अयोध्या पहुंची है।
दो फ्लोटिंग जेट्टी 14 दिनों में पटना से अयोध्या पहुंची।
पर्यटन विभाग और यूपीनेडा की योजना
यूपीनेडा के निदेशक व विशेष सचिव अतिरिक्त ऊर्जा अनुपम शुक्ला ने कहा “अयोध्या को सोलर सिटी बनाने के साथ-साथ यहां सोलर बोट का भी संचालन किया जाएगा। इसके लिए अयोध्या में पटना से दो जेट्टी को मंगवाया गया है। उधर यह भी जानकारी मिली है कि इन दोनों जेट्टी का निर्माण इसी साल किया गया है। इसका निर्माण डायमंड शिपयार्ड बिल्डिंग कोलकाता में राय शिप बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किया गया है। उधर यह भी जानकारी मिली है कि कोचीन से वाटर मेट्रो भी यहां भेजी गई है। 22 जनवरी के पहले यहां पहुंचेगी।
14 दिनों में 17 नाविकों ने दोनों नावों से अयोध्या पहुंचे ।
अयोध्या में शुरू हो चुका जटायु क्रूज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में इसकी घोषणा हो चुकी है। पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यहां जटायु क्रूज को हरी झंडी भी दिखा चुके है। यद्यपि कि जटायु क्रूज का संचालन कतिपय कारणों से बंद चल रहा है। उधर अलकनंदा क्रूज लाइन्स की ओर से भी यहां क्रूज की तैयारियां की गई है।