मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पहली बार शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों और एसपी से ऑनलाइन जुड़े। इस दौरान उन्होंने कलेक्टरों से प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की सूची जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सूची तैयार करें ताकि शीघ्र ही इनके मकान का निर्माण किया जा सके। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य में नई सरकार के गठन होते ही 18 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास देने और 12 लाख किसानों को दो वर्ष के बकाया बोनस की राशि देने का बड़ा फैसला लिया गया है।
बता दें कि शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री साय ने दोनों डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा के साथ मंत्रालय में पहली कैबिनेट मीटिंग की थी। इसमें 18 लाख आवास बनाने का निर्णय लिया गया था। एसपी- कलेक्टर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री साय ने सभी कलेक्टरों को लॉ एंड आर्डर के मुद्दे पर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज दिखना चाहिए। कानून- व्यवस्था की स्थिति अच्छी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने जुआ, सट्टा, अवैध शराब और अपराध पर नियंत्रण के लिए कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
सुशासन और बाल दिवस की तैयारी करने के निर्देश
साय ने 25 दिसंबर को सुशासन दिवस की तैयारी के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाए। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि शुरूआती आठ दिनों में ही कई बड़े फैसले लिए गए हैं। 25 दिसम्बर को सुशासन दिवस के बाद 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस मनाया जाना है। वीर बाल दिवस के माध्यम से बच्चों में वीरता का भाव जगेगा।
बिना लेन-देन के लोगों का काम तेजी से होना चाहिए: साय
साय ने राजस्व संबंधी मामलों का निराकरण भी तेजी से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फौती, जाति प्रमाण पत्र, सीमांकन और नक्शा दुरुस्तीकरण जैसे कामों को लेकर जनता से किसी भी तरह की शिकायत नहीं आनी चाहिए। बिना किसी लेन- देन के लोगों के काम तेजी से होना चाहिए। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में नालियों और गलियों की साफ- सफाई पर विशेष जोर देने के लिए कहा।
अफसर योग्यता- क्षमता का उपयोग जनहित में करें
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सभी अधिकारी अपनी योग्यता और क्षमता का उपयोग जनता के हित में करें। शासन की हर योजना लोगों तक अच्छे तरीके से पहुंचे, इसका ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता प्रभावी होने के बाद से रुके हुए कार्यों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर आप लोग नई ऊर्जा और उत्साह से काम करेंगे, ऐसी अपेक्षा करता हूं।