दिशा छात्र संगठन व अन्य सहयोगी संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में निकाली जा रही भगतसिंह जन अधिकार यात्रा का प्रयागराज में आज सोमवार को आख़िरी दिन था। आज यात्रा प्रयाग जंक्शन से शुरू होकर एलनगंज चौराहा, आनंद भवन , पनीर चौराहा, बैंक रोड होते हुए प्रयाग जंक्शन पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए चल रहे रेलवे कर्मचारियों के अनशन को यात्रियों ने समर्थन दिया। यात्रा जब नेतराम चौराहे पर पहुंची तो यहां जोरदार नारेबाजी की गई और जगह-जगह वॉल राइटिंग, पोस्टरिंग, और स्टिकर चिपकाकर मांग की गई कि नेतराम चौराहे का नाम बदलकर चन्द्रशेखर आज़ाद चौराहा कर दिया जाय।
दिशा छात्र संगठन के अविनाश ने कहा कि यह एक विडम्बना ही है कि देश की आज़ादी के लिए जान तक न्यौछावर करने वाले शहीदों के नाम पर सड़कों, चौराहों का नाम रखने की जगह मुखबिरों के नाम पर नाम रखा गया है। आज हमारे देश में क्रान्तिकारियों की विरासत पर धूल-मिट्टी डाला जा रहा है। अंग्रेजों की तरह जनता को जाति-धर्म के नाम पर लड़ाया जा रहा है।
8,500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, 13 राज्यों के 80 ज़िलों से होते हुए तीन मार्च को दिल्ली पंहुचेगी यात्रा
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बताया जायज
कर्मचारियों के आन्दोलन को संबोधित करते हुए बिगुल मज़दूर दस्ता के शिवा ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर रेलवेे कर्मचारी चार दिनों के क्रमिक अनशन पर हैं। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की बहाली की मांग बिल्कुल वाजिब है और हम इसका समर्थन करते हैं। वर्तमान सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों के कारण आबादी का हर तबका , चाहे वो कर्मचारी हों , छात्र हों या मेहनतकश मज़दूर हों सभी त्रस्त हैं। निजीकरण के कारण कर्मचारियों को पेंशन नहीं है, छात्रों युवाओं के लिए रोज़गार नहीं है और मज़दूर आबादी कारखानों व खेतों में बेहद कम मज़दूरी पर रात दिन खटने के लिए मज़बूर है। ऐसे में जिन नीतियों के कारण सभी परेशान हैं , उनके खिलाफ संघर्ष भी साझा होना चाहिए। दूसरी पाली में यात्रा करेली के इलाक़ों में निकली गई।