प्रयागराज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सर पीसी बनर्जी छात्रावास में 2019 में हुई छात्र रोहित शुक्ला हत्याकांड में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि चार आरोपियों को बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर कोर्ट ने तीनों पर अर्थदंड भी लगाया है।
सबूतों के अभाव में चार आरोपी बरी किए गए
जिला अदालत ने आदर्श त्रिपाठी, नवनीत यादव उर्फ अभिषेक यादव व सौरभ विश्वकर्मा को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आदर्श पर 15 हजार, जबकि नवनीत यादव व सौरव विश्वकर्मा पर 10- 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
सबूतों के अभाव में चार आरोपियों को बरी कर दिया। यह आदेश सत्र न्यायाधीश भरत सिंह यादव ने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता टीएन दीक्षित और बचाव पक्ष के अधिवक्ता को सुनने के बाद या फैसला सुनाया है।
15 अप्रैल 2019 को हुई थी रोहित की गोली मारकर हत्या
अभियोजन के मुताबिक आदर्श त्रिपाठी ने 15 अप्रैल 2019 को रोहित शुक्ला को पीसीबी हॉस्टल बुलाया था। इस दौरान गैंगवार में बारा के लोहगरा निवासी रोहित को गोली मार दी गई थी। मामले में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302 में आदर्श त्रिपाठी, हिमांशु सिंह, हरिओम त्रिपाठी, नवनीत यादव उर्फ अभिषेक यादव, प्रशांत उपाध्याय व सौरभ विश्वकर्मा के खिलाफ कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से 9 और बचाव पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए। अदालत ने सुनवाई के बाद हरिओम त्रिपाठी, हिमांशु सिंह, प्रशांत उपाध्याय और जसविंदर सिंह को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया। जबकि, बाकी तीनों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।