इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी खारिज कर दी। यह फैसला जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने सुनाया। अब कोर्ट सभी 15 याचिकाएं एक साथ सुनेगा। 6 नवंबर अगली डेट लगी है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया- श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े 15 मामलों को एक साथ सुनवाई करने का कोर्ट ने फैसला दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर कर हिंदू पक्ष की याचिकाओं को अलग-अलग सुनने के लिए अर्जी दाखिल की थी। 16 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
मुस्लिम पक्ष ने कहा था- मामला उलझाया जा रहा 16 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई जो 3.30 बजे तक चली। मुस्लिम पक्ष ने कहा- ये वाद सुनवाई योग्य नहीं हैं। सभी मुकदमों की अलग-अलग सुनवाई की जाए। इस पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पक्ष की तरफ से कहा गया कि मामला उलझाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।एक अगस्त को हाईकोर्ट का आदेश- 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने एक अगस्त को मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। जस्टिस मयंक कुमार जैन ने कहा- हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी। हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिकाओं में दावा किया गया है कि शाही ईदगाह का ढाई एकड़ का एरिया मस्जिद नहीं है। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि का गर्भगृह है।
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि 1968 में हुए समझौते के तहत मस्जिद के लिए जगह दी गई थी। 60 साल बाद समझौते को गलत बताना ठीक नहीं। हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनवाई लायक नहीं हैं। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मुस्लिम पक्ष की इस दलील को स्वीकार नहीं किया।