वाराणसी
काशी के मदनपुरा में मिले मंदिर में पूजा कराने की जिम्मेदारी काशी विद्वत परिषद ने ली है। विद्वत परिषद के महामंत्री ने कहा कि मंदिर के इतिहास को पता कर लिया गया है और जिलाधिकारी को एक पत्र भी भेज दिया है। उन्होंने बताया कि अब हम सभी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि मंदिर का पूजा पाठ किस विधि विधान से कराया जाए।
1931 में हिन्दू बंगाली ने बेचा था मकान
काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी दैनिक भास्कर से बातचीत में दावा किया 1927 से पहले तक मदनपुरा का पूरा इलाका बंगाली परिवार से भरा पूरा था। उन्होंने बताया कि कानूनी दस्तावेज में 1931 में राजा महेंद्र रंजन राय और राधिका रंजन राय का मकान नंबर 33/ 273, 274 जो बाद में मकान नंबर परिवर्तन के बाद डी 31/65 जिसके बड़े हिस्से को तत्कालीन हाजी ताज मोहम्मद को बेचा गया। यह रजिस्ट्री 1927 से 1935 के बीच हुई। तभी से यह मकान और मंदिर हिंदुओं के हाथ से चला गया और यहां पर पूजा पाठ बंद हो गई।
यही मंदिर है जिसमें ताला लगा है।
मंदिर पर मुस्लिम पक्ष का नहीं है अधिकार
काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी यह अभी दावा किया है कि जो रजिस्ट्री हुई है उसमें मंदिर को नहीं बेचा गया है लेकिन मंदिर का पूजा पाठ बंद हो गया उन्होंने बताया कि अब हम सभी जल्द ही इस मंदिर को खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं और उसमें विधि विधान से पूजा पाठ करके महादेव को स्थापित किया जाएगा उन्होंने यह भी कहा कि अभी मंदिर खुलने के बाद यह भी देखना है कि क्या उसमें हमारे आराध्य देव हैं या नहीं ?
प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने कहा – मंदिर के इतिहास का पता लगा लिया गया है।
संविधान का पालन कर खुलवाएंगे मंदिर
प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने यह भी बताया कि उसी क्षेत्र में एक अंदर सिद्धेश्वरी काली का भी मंदिर है जहां एक मुस्लिम हिंदू को बुलाकर पूजा पाठ भी करता है उन्होंने कहा कि हमारी यह बात सिद्ध हो गई है कि यह सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर है जो काशी खंड जिसका वर्णन है। उन्होंने कहा कि अब आगे हम लोगों को उनके पूजन अर्चन की व्यवस्था करनी है। उन्होंने कहा कि अब उसे मंदिर के पूजन पाठ और विधि विधान के बारे में यहां के संत महात्मा से राय भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान का पालन करते हुए जब जिला प्रशासन इस मंदिर को खुलेगा तो हम लोग पूजा पाठ शुरू कर देंगे।
ADM सिटी कर रहे मामले की जांच – बोले जल्द लिया जायेगा फैसला।
आइए अब जानते हैं सनातन रक्षक दल के अजय शर्मा ने क्या कहा…
अजय शर्मा का कहना है कि इससे जुड़े बहुत से पौराणिक तथ्य भी मैंने बाहर निकलवाए हैं। जिनमें यह स्पष्ट होता है कि यह इलाका सनातन धर्मियों के लिहाज से महत्वपूर्ण था। लोग यहां पर मंदिरों की स्थापना करने से लेकर इसकी देखरेख किया करते थे। लेकिन समय के साथ सब कुछ बदला और अब एक बार फिर से जब सारी चीज स्पष्ट है, तो यहां पूजा पाठ शुरू करने में देरी क्यों हो रही है। इसको लेकर जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने हमसे 3 दिन का समय मांगा है हमने उनको 6 दिन का समय दिया है। अगर मंदिर नहीं खुला तो हम दूसरा कदम उठाएंगे, फिलहाल हमने अपने सभी लोगों को वहां जाने के लिए मना कर दिया है।
अजय शर्मा ने पत्र में लिखा है…’प्राचीनकाल में काशी के हरिकेश-वन में विद्यमान देवी-देवताओं के रक्षार्थ राजा मदनपाल जी ने काशी के प्रथम मुहल्ला को विकसित किया था, जिसे आज मदनपुरा के नाम से जाना जाता है। गोलचबूतरा, मदनपुरा स्थान में अवस्थित देवलिंग और देवतीर्थ के वर्णन में काशीखण्ड 4 अध्याय 97 में कहा गया है कि-
तदग्निदिशि देवर्षिगणलिङ्गान्यनेकशः।
पुष्पदन्ताद्दक्षिणतः सिद्धीशः परसिद्धिदः॥
पञ्चोपचारपूजातः स्वप्ने सिद्धिं परां दिशेत् ।
आइए अब जानते हैं अधिकारियों ने क्या कहा….