काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव को भक्तों ने अन्नकूट का भोग अर्पित किया। भोर में गंगा स्नान कराने के बाद नूतन वस्त्र और रजत मुखौटा धारण कराया गया। सविधि पूजन-अर्चना के बाद बाबा का कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। दोपहर तक हजारों श्रद्धालुओं ने काल भैरव का दर्शन पूजन किया। वहीं, अन्नकूट श्रृंगार पर मोझी, कचौड़ी, बड़ा, मालपुआ, रोट, नमकीन सहित 56 प्रकार के पकवान और मिष्ठान का भोग चढ़ाया गया।
बाबा काल भैरव का हुआ है अद्भुत श्रृंगार।
मंदिर के महंत पंडित राजेश मिश्रा ने बताया कि बाबा के खप्पर को कारन से भरकर भोग का विधान पूरा किया गया। बाबा का दर्शन कर उन्हें मदिरा और फल-फूल चढ़ाया है। अब आज रात भर बाबा काल भैरव का मंदिर रंग-बिरंगे झालरों और लाइटों से सजाकर तैयार कर दिया गया है।
महंत बोले- बाबा को पहनाया नया कपड़ा और चांदी का मुखौटा बाबा काल भैरव मंदिर के महंत पंडित वीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि बाबा काल भैरव के जन्म यानी कि काल भैरव अष्टमी के ठीक सवा महीने बाद अन्नकूट समारोह मनाया जाता है। पंडित वीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि आज आधी रात बाबा की प्रतिमा को गंगा स्नान कराने के बाद नया कपड़ा और चांदी का मुखौटा धारण कराया गया। इसके बाद बाबा काल भैरव का दिव्य श्रृंगार किया गया। 4 बजे तक बाबा की श्रृंगार आरती की गई।
56 प्रकार का भोग लगाया गया है।
वाराणस्याम भैरव देवो संसार भय नाशनम मंदिर में आरती के दौरान”वाराणस्याम भैरव देवो संसार भयनाशनम, अनेक जन्म कृतम पापम दर्शनेन विनश्यति” जैसे श्लोकों का जप किया गया। इसके बाद बाबा पट भक्तों के लिए खोल दिया गया। सभी भक्त बाहर से ही झांकी दर्शन कर बाबा का आशीर्वाद ले रहे हैं।
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