अपोलो बीएसआर हेल्थ वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के डायेरक्टर डॉ. मनमोहन खंडूजा ठगों की टीम में उसकी पत्नी और बेटा भी शामिल था। बेटा रोहताश खंडूजा बीएसआर हेल्थ वेंचर के दस्तावेजों में डायरेक्टर के पद पर पदस्थ था, वहीं पत्नी नीरा खंडूजा की बीएसआर हेल्थ वेंचर के कैनरा और एक अन्य बैंक के चेक में पति और बेटे के साथ संयुक्त रुप के हस्ताक्षर करती थी।
यही वजह है कि पुलिस पत्नी और बेटे को भी आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। पत्नी को यह पता था कि जिस बैंक का चेक निवेशकों को जारी किया जा रहा है, वह पहले ही बंद हैं। पुलिस आरओसी से दस्तावेज मिलने का इंतजार कर रही है।
DB ने खंडूजा और उसकी कंपनी की पूरी पड़ताल की है। इससे पता चला कि खंडूजा 8 कंपनियों में डायरेक्टर के पद पर पदस्थ था। इनमें 6 कंपनियां ऐसी भी हैं, जिनमें उसका बेटा रोहताश और पत्नी नीरा भी डायरेक्टर थे। खंडूजा ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में 23 डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने के लिए बैंक से करीब 100 करोड़ रु. का लोन लिया था।
डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से फर्जी बिल लगाकर करोड़ों का गबन किया है। यहीं नहीं पूरे फर्जीवाड़ा करने के लिए कंपनी के करिजमा नाम के सॉफ्टवेयर में भी हेरफेर की थी। कंपनी का ऑनलाइन और ऑफलाइन डेटा मेन्यूपुलेशन में उसकी कंपनी के आईटी विभाग के जीएम नवीन कुमार की भूमिका अहम थी।
कंपनी में काम करने वाले आशीष के कहने पर भी दस्तावेजों में हेरफेर किया गया था। खंडूजा निवेशकों से कोरे कागज पर नाम पता, बैंक डिटेल की जानकारी भरवाकर उसमें रेवन्यू टिकट लगाकर लौटाता था। शेयर एप्लीकेशन मनी नाम के दस्तावेज पर निवेशकों से हस्ताक्षर करवाता था।
इसी दस्तावेजों के जरिए वह निवेशकों को लीगल डाक्यूमेंट में कंपनी का शेयर होल्डर बताता था। प्लानिंग के तहत भागने के पहले खंडूजा ने अपनी प्रॉपर्टी को रिश्तेदारों के नाम से ट्रांसफर कर दिया है। इसकी भी जांच की जा रही हैं।
पत्नी ने बंद खाते के चेक पर किए थे हस्ताक्षर
खंडूजा नाम के बैंक खाते में जमा हुए पैसे डॉ. खंडूजा ने अपने नाम से एक बैंक खाता खोला था। इस खाते में रायपुर के निवेशकों ने ज्यादा पैसा जमा किया है। खंडूजा ने 18 प्रतिशत लाभांश देने का झांसा देकर पैसा जमा करवाया था। खंडूजा का बंधन बैंक, यश बैंक, एक्सीस बैंक, कोटक महेंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई, पंजाब नेशनल बैंक और स्टेट बैंक में बैंक खाता था।
23 डायग्नोस्टिक सेंटर खोलकर फर्जीवाड़ा एमपी और छग में डॉ. खंडूजा ने 23 डायग्नोस्टिक सेंटर खोले थे। उसके सेंटर नेहरु नगर, राजनांदगांव, रायपुर, बिलासपुर कटक, जबलपुर, बलरामपुर समेत कई शहरों में थे। भिलाई में ब्लू डोर कैफे नाम से एक दुकान भी खंडूजा की रिश्तेदार संचालित करती थी। बेटा रोहताश की जस्ट डेय केयर नाम से भी एक डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित होता था।
हेल्थ वेंचर के खाते में ज्यादा लेन-देन निवेशकों से बीएसआर हेल्थ वेंचर नाम की संस्था के नाम से डॉ. खंडूजा चेक लेता था। इस वजह से ज्यादा लेनदेन हेल्थ वेंचर के खातों में हुआ है। हेल्थ वेंचर कंपनी के जरिए खंडूजा ने करीब 4 सौ लोगों से ठगी की है। खंडूजा ने जिन 304 लोगों के साथ इकरारनामा किया था,उस सूची में भी कई ऐसे लोग हैं जिनका नाम अभी शामिल नहीं हैं।
इन कंपनियों में खंडूजा और बेटा थे डायरेक्टर {बीएसआर कैंसर हॉस्पिटल में मनमोहन खंडूजा, धर्मपाल खंडूजा, रोहताश खंडूजा और नीरा खंडूजा डायरेक्टर्स थे। {बीएसआर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स लिमिटेड में रोहताश खंडूजा, नीरा खंडूजा, मनमोहन खंडूजा, बाजारी श्रीनिवाश और रिशी महेश्वरी डायरेक्टर्स के पद पर पदस्थ थे। लेकिन बाद में 1 फरवरी 2016 को बालाजी और रिशी महेश्वरी ने पद छोड़ दिया था। {बीएसआर डायग्नोस्टिक लिमिटेड में रोहताश खंडूजा, नीरा खंडूजा, मनमोहन खंडूजा और धर्मपाल खंडूजा डायरेक्टर्स के पद पर पदस्थ थे। बीएसआर हेल्थ वेंचर प्रायवेट लिमिटेड कंपनी में रोहताश खंडूजा, मनमोहन खंडूजा ही सिर्फ डायरेक्टर्स थे।