Politics breaking ;; Captain Amarinder Singh: भाजपा के होंगे कैप्टन अमरिंदर, 19 को लेंगे पार्टी की सदस्यता, पीएलसी का भी होगा विलय

KHABREN24 on September 16, 2022
Politics breaking ;; Captain Amarinder Singh: भाजपा के होंगे कैप्टन अमरिंदर, 19 को लेंगे पार्टी की सदस्यता, पीएलसी का भी होगा विलय

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले कांग्रेस छोड़ दी थी और अपनी अलग पार्टी बना ली थी। वे भाजपा के साथ गठबंधन में पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरे थे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह। – फोटो : फाइल

विस्तार

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार 19 सितंबर को नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे। इस दौरान वह अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) का भी भाजपा में विलय करेंगे। कैप्टन के साथ पंजाब के छह पूर्व मंत्रियों के अलावा उनके पुत्र रनिंदर सिंह, बेटी जयइंदर कौर और पोता निर्वाण सिंह भी भाजपा की सदस्यता लेंगे। इस बीच, पंजाब भाजपा के पुनर्गठन की तैयारी भी चल रही है, जिसमें माना जा रहा है कि कैप्टन पंजाब भाजपा का प्रमुख चेहरा होंगे और पार्टी उन्हीं के नेतृत्व में अपने दम पर अगले चुनावों में उतरेगी।

पिछले दो महीने से पीएलसी के भाजपा में विलय की बातें चल रही थी। हालांकि इस सवाल को कैप्टन टालते रहे लेकिन विदेश से लौटने के बाद कैप्टन ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी बैठक की। इस बीच, भाजपा हाईकमान ने पंजाब भाजपा की नई कार्यकारिणी का ऐलान सितंबर माह के दौरान करने का फैसला भी ले लिया है। कैप्टन की पीएम, गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष के साथ बैठकों ने पीएलसी के भाजपा में जल्द विलय की चर्चा को तेज कर दिया है।

बनेंगे भाजपा का मुख्य चेहरा

आगामी सोमवार को कैप्टन और उनकी पार्टी के भाजपा में समाहित होने के बाद कैप्टन ही पंजाब भाजपा का मुख्य चेहरा होंगे। दरअसल, पंजाब भाजपा के पास इस समय कोई भी ऐसा कद्दावर नेता नहीं है, जो अपने बूते पर पार्टी को प्रदेश की सत्ता तक पहुंचा सके। भाजपा हाईकमान का मानना है कि किसान आंदोलन ने पंजाब में भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया है। दिल्ली की सीमाओं पर करीब एक साल चले आंदोलन के दौरान पंजाब में भाजपा का काडर बिखर गया और पार्टी वर्कर भी किनारा कर गए। इससे पहले, विजय सांपला को हटाकर अश्विनी शर्मा को अध्यक्ष बनाए जाने से भी प्रदेश इकाई दोफाड़ हुई और कई सीनियर नेताओं ने पार्टी से दूरी बना ली। अकाली दल के साथ 25 साल के गठबंधन ने भी भाजपा को पंजाब में नुकसान ही पहुंचाया है। इस दौरान न तो भाजपा का काडर बढ़ सका और न ही सीटें। पार्टी सूबे के ग्रामीण इलाकों तक न पहुंचकर शहरों में ही सिमटी रही, जहां हिंदू और दलित वोट भी बिखरे रहने से भाजपा को घाटा ही हुआ। 

कैप्टन ने 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पार्टी का गठन करके भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि आप की लहर के चलते कैप्टन अपनी सीट भी नहीं बचा सके लेकिन भाजपा हाईकमान कैप्टन के पार्टी में आने को अपने लिए महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देख रही है। दरअसल, प्रदेश इकाई के पुनर्गठन के दौरान उसने जाने-माने सिख चेहरों को पार्टी के साथ जोड़ने की रणनीति भी बनाई है। कैप्टन जोकि लंबे अरसे तक पंजाब में कांग्रेस के पर्याय रहे हैं, भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण चेहरा साबित हो सकते हैं। 

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