महिलाएं आज यानी रविवार को जीवित्पुत्रिका (Jivitputrika vrat) व्रत रहेंगी। पर्व पूर्व संध्या पर सब्जी की दुकानों पर सरपुतिया की खूब खरीदारी हुई। जिउतिया, उड़द, बताशा, चीनी की लेड़ुई आदि मिठाइयों की भी लोगों ने खरीदारी की।
महिलाएं आज संतान प्राप्ति, संतान की दीर्घायु, आरोग्य और संतान की खुशहाली के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखेंगी। इस व्रत को आमतौर पर जितिया और जिउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
विभिन्न ग्रामीण अंचलों में जीवित्पुत्रिका व्रत धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर महि
लाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर देर शाम नदी, तालाब पर इकट्ठा होकर दीप और वस्त्र दान करती हैं। नदी के किनारे महिलाएं अपने पुत्रों के दीर्घायु की कामना करते हुए कल्याणकारी कहानियां सुनती हैं। शनिवार को व्रत की तैयारी पूरी कर ली गई।
रविवार को अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए माताएं निराजल व्रत रखेंगी। बेटे की सुख, समृद्धि तथा जीवन रक्षा के लिए रखे जाने वाले व्रत की पूर्व संध्या पर महिलाएं सरपुतिया खाती हैं। बाजारों में चढ़ावे के लिए फलों की खरीदारी में तेजी देखी गई।विभिन्न इलाकों में जीवित्पुत्रिका व्रत की पूर्व संध्या पर महिलाओं ने ज्यूतिया, सब्जी, फल सहित विभिन्न सामानों की जमकर खरीदारी की।