करवाचौथ 13 अक्टूबर को, सुहागिनें रखेंगी निर्जला व्रत,

KHABREN24 on October 12, 2022
करवाचौथ 13 अक्टूबर को, सुहागिनें रखेंगी निर्जला व्रत,

रात 08:08बजे हो सकता है चंद्रोदय ….

सुहागिनों के लिए सबसे बड़ा पर्व करवाचौथ 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है।

करवाचौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, (करक) मिट्टी के पात्र को कहा जाता है, जिसमें महिलाएं इस दिन चंद्रमा को अध्यं देती हैं।
महिलाएं दिनभर अपने पति की लम्बी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं, ऐसा करने से चौथ माता अखंड सौभाग्यवती
का आशीर्वाद देती हैं। रात में चाँद का दीदार करने और छलनी से पति का चेहरा देखने के बाद महिलाएं व्रत खोलती हैं। इधर, बाजारों में पर्व को लेकर तैयारियां चल रही है। बाजारों में दुकानों पर करने भी बिक्री होने लगे हैं। करवाचौथ के व्रत को लेकर बताया गया है कि इसको करने से न सिर्फ पति की आयु लंबी होती है, बल्कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती व गणेशजी की पूजा का विधान बताया गया है।


पूजा मुहूर्त शाम 5.52 से 7.25बजे तक शुभ समय ज्योतिषाचार्य के अनुसार करवाचौथ पूजा मुहूर्त शाम 5.52 बजे से 7.25बजे तक है। करवाचौथ का व्रत, कृत्तिका – रोहिणी नक्षत्र में पूजा की जाएगी।
और रोहिणी नक्षत्र 27 नक्षत्रों में सभी से सौंदर्य व चंद्रमा का अत्यंत स्नेही नक्षत्र होने से करवाचौथ सौभाग्य के लिए विशेष सुखदायी माना जाता है। रोहिणी नक्षत्र में चंद्रोदय के समयानुसार 08.08 पर चंद्रोदय होगा।
पूजा की विधि में श्रृंगार का सामान, चुनरी, चूड़ी, बिंदी, मेंहदी, सिंदूर, छलनी, मिट्टी का बर्तन, गंगाजल, कुमकुम चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, मीठा, कच्चा दूध, घी. चांद निकलने के पहले सब सामान थाली में रख लें,
फिर विधि विधान से पूजन कर कथा सुन व्रत पारण पूजा, चंद्रदर्शन, चांद को अर्घ्य देने के बाद, प्रसाद खाएं और अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें।

Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
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