वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस जेजे मुनीर की बेंच में करीब आधे घंटे चली सुनवाई में आज भी मुस्लिम पक्ष की बहस नहीं पूरी हो सकी। लिहाजा शुक्रवार को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट मुस्लिम पक्ष की बहस सुनेगा।
मुस्लिम पक्ष की बहस के बाद मिलेगा हिंदू पक्ष को मौका
जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच में करीब आधे घंटे सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष की बहस न पूरी होने के कारण शुक्रवार को भी कोर्ट मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनेगी। मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी होने के बाद विपक्षियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से मुख्य रूप से वक्फ एक्ट और 1991 के प्लेसेस आफ वरशिप एक्ट का हवाला दिया जा रहा है। ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इस मामले में राखी सिंह के साथ ही पांचों वादी महिलाओं और यूपी सरकार समेत 10 लोगों को पक्षकार बनाया है।
वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से 12 सितंबर को आए फैसले के खिलाफ मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की है। जिला जज ने 12 सितंबर को मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए श्रृंगार गौरी मामले में राखी सिंह के केस को चलते रहने की मंजूरी दी थी।
ज्ञानवापी विवाद पर हाईकोर्ट में 5 याचिकाएं
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी कुल पांच याचिकाएं दाखिल हैं। इनमें से तीन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। दो याचिकाओं में एक इंतजामिया कमेटी की ओर से और दूसरी सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल की गई है। याचिका में मुस्लिम पक्ष ने प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट 1991 और वक्फ एक्ट 1995 से मामले को बाधित बताया है। कहा कि सिविल कोर्ट वाराणसी का आदेश इन दोनों एक्ट के खिलाफ है।
ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने के मामले में मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से यह याचिका दाखिल की गई है।
ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। मस्जिद कमेटी ने वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से 12 सितंबर को आए फैसले को चुनौती दी है।
5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति को दाखिल की थी याचिका
राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर वाराणसी की जिला अदालत में पिछले साल याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी के जिला जज इस मामले की सुनवाई कर रहे थे। मस्जिद कमेटी ने जिला जज की कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस मुकदमे को खारिज किए जाने की अपील की थी। कहा था कि 1991 के कानून के तहत इस मुकदमे की सुनवाई नहीं की जा सकती। वाराणसी के जिला जज ने 12 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था। जिला जज की कोर्ट ने राखी सिंह के केस को चलते रहने देने की मंजूरी दी थी। मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने जिला जज के इसी फैसले को हाईकोर्ट में दी है चुनौती।