ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:कथित शिवलिंग का संरक्षण जारी रहेगा, 3 हफ्ते में मांगा हलफनामा; हाईकोर्ट और वाराणसी की दो कोर्ट ने डेट दी

KHABREN24 on November 11, 2022
ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:कथित शिवलिंग का संरक्षण जारी रहेगा, 3 हफ्ते में मांगा हलफनामा; हाईकोर्ट और वाराणसी की दो कोर्ट ने डेट दी

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े 4 मामलों की आज सुनवाई हुई। वाराणसी की सिविल कोर्ट में कथित शिवलिंग की पूजा के अधिकार पर सुनवाई टल गई। अब 18 नवंबर को अगली सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी का सर्वे ASI से कराने के फैसले को दी गई चुनौती मामले में भी सुनवाई हुई। अब 28 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।

वहीं, वाराणसी की जिला कोर्ट में एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने पर सुनवाई अब 5 दिसंबर को होगी। उधर, सुप्रीम कोर्ट मस्जिद में सर्वे के दौरान मिली शिवलिंग जैसी संरचना के संरक्षण की सीमा बढ़ाने पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने आदेश में कहा कि संरक्षण जारी रहेगा। कोर्ट ने सभी पक्षों से तीन हफ्तों में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। 

1. सिविल कोर्ट में कथित शिवलिंग की पूजा के अधिकार पर सुनवाई अब 18 नवंबर को

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सहित अन्य के वाद के मामले में सुनवाई की अगली तारीख 18 नवंबर फिक्स की गई है। कोर्ट की पीठासीन अधिकारी सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी के अवकाश पर रहने के कारण आज सुनवाई टल गई है। इस वाद में कहा गया है कि मां शृंगार गौरी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश पर हुई कमीशन की कार्रवाई के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा, आरती और राग-भोग की व्यवस्था जिला प्रशासन को करानी चाहिए थी।

मगर, प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है और न किसी सनातन धर्मी को इसके संबंध में नियुक्त किया है। कानूनन देवता की परिस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है। जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है।

2. ज्ञानवापी सर्वे ASI से कराने पर हाईकोर्ट में सुनवाई अब 28 नवंबर को

ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण ASI यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने के मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई जस्टिस प्रकाश पांडिया की सिंगल बेंच में हुई। ज्ञानवापी परिसर का ASI से सर्वेक्षण कराने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है। सुनवाई की अगली डेट 28 नवंबर को दी गई है।

ASI ने इससे पहले की सुनवाई पर अपना हलफनामा दायर किया था। हाईकोर्ट में 31 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई पर दायर अपने हलफनामें में ASI ने कहा था कि अगर कोर्ट आदेश देगी तो वह ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करेगी। बता दें कि ASI से सर्वे के फैसले को इंतजामिया मसाजिद कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

3. जिला कोर्ट में ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस

ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई। हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाए। इस पर मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल की जा चुकी है।

हिंदू पक्ष की ओर से प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत ने 11 नवंबर की तिथि तय की गई थी। यह मुकदमा पिछले साल वाराणसी की सिविल कोर्ट में राखी सिंह, सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की ओर से दाखिल किया गया था। आज कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी एक डायरेक्शन का हवाला देते हुए सुनवाई नहीं की। कहा कि मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई अब 5 दिसंबर को होगी।

4. सुप्रीम कोर्ट में कथित शिवलिंग के संरक्षण की समय सीमा बढ़े

इस प्रकरण की सुनवाई आज दोपहर 3 बजे से सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कमीशन की कार्रवाई के दौरान बीती 16 मई को शिवलिंग मिला था। सुप्रीम कोर्ट ने उस शिवलिंग को संरक्षित करने का आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश 12 नवंबर तक प्रभावी है।

लिहाजा, 12 नवंबर से पहले याचिका पर सुनवाई हो और संरक्षण की समय सीमा बढ़ाई जाए। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन की मांग पर गुरुवार को चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बेंच गठित कर सुनवाई करने का आदेश दिया था।

आज चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कथित शिवलिंग के संरक्षण संबंधी अंतरिम आदेश को आगे तक के लिए बढ़ा दिया है। यानी, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में जहां कथित शिवलिंग मिला था, वह जगह अगले आदेश तक अब तक की भांति सील ही रहेगी।

काशी विश्वनाथ को चार बार तोड़ा गया, अवशेषों पर खड़ी हुई मस्जिद; जानिए पूरा विवाद

वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर मां श्रृंगार गौरी की पूजा की याचिका की सुनवाई को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने इस याचिका को चुनौती देने वाली अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी की चुनौती को खारिज कर दिया। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का ये विवाद सदियों पुराना है। 213 साल पहले इस विवाद को लेकर पहली बार दंगे हुए थे।

विश्वनाथ मंदिर से सटी मस्जिद को लेकर 213 साल पहले हुए दंगे, 1991 में दाखिल हुई पहली याचिका

कई लोगों का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर तुड़वाकर बनवाया था। मंदिर-मस्जिद का ये विवाद वर्षों पुराना है और इसे लेकर 213 साल पहले दंगे भी हुए थे। आजादी के बाद इस मुद्दे को लेकर कोई दंगा नहीं हुआ। ज्ञानवापी को हटाकर उसकी जमीन काशी विश्वनाथ मंदिर को सौंपने को लेकर दायर पहली याचिका अयोध्या में राम मंदिर मुद्दा गर्माने के बाद 1991 में दाखिल हुई थी। आखिर क्या है ज्ञानवापी मस्जिद का इतिहास, मान्यताएं और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर इससे जुड़ा विवाद

ज्ञानवापी, ताजमहल और मथुरा की ईदगाह मस्जिद ही नहीं, 5 राज्यों की 10 मस्जिदों को लेकर भी विवाद

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि के परिसर में स्थित मस्जिद के भी सर्वे कराए जाने की याचिका अदालत पहुंच गई है। उधर ताजमहल के भी शिव मंदिर तेजो महालया होने के दावे को लेकर याचिका दायर की गई है। इस बीच हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कुतुब मीनार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए इसका नाम बदलकर विष्णु स्तंभ किए जाने की मांग की।

Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x