गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी के बीच का सफर अब आसान होगा। अब वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ के बीच की 3200 किलोमीटर की दूरी बांग्लादेश से होते हुए गंगा विलास रिवर क्रूज 50 दिन में तय करेगा। गंगा विलास रिवर क्रूज की लंबाई 62.5 मीटर, चौड़ाई 12.8 मीटर और ड्राफ्ट 1.35 मीटर होगी। साथ ही, इस क्रूज में में 18 सुइट्स होंगे।
इसके पहले शुक्रवार को वाराणसी के रविदास घाट पर सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सात जेटी का उद्घाटन किया। इसके साथ ही गंगा किनारे 8 जेटी की आधारशिला रखी गई।
सीएम योगी बोले- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में वृद्धि होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे इस इलाके के लोगों का ही लाभ होगा। अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन किफायती और पर्यावरण के अनुकूल है। अब काशी में शून्य उत्सर्जन हाइड्रोजन फ्यूल सैल पैसेंजर कैटमारन जलयान के आ जाने से जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
गंगा नदी पर 62 जेटी का विकास किया जा रहा
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि अगले 25 साल में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। भारत की आध्यात्मिक नगरी काशी को सबसे उन्नत हाइड्रोजन फ्यूल सैल कैटमारन जलयान मिलने जा रहे हैं। वाराणसी को एक हाइड्रोजन फ्यूल सैल जलयान और चार इलेक्ट्रिक हाइब्रिड जलयान मिलेंगे।
इस आयोजन के दौरान भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच एक करार पर दस्तखत किए गए। जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट-2 (जिसे अर्थ गंगा भी कहा जाता है) के तहत IWAI गंगा नदी पर 62 जेटी का विकास और उन्हें अपग्रेड कर रहा है। इनमें से 15 उत्तर प्रदेश में, 21 बिहार में, 3 झारखंड में और 23 पश्चिम बंगाल में हैं।
वाराणसी और बलिया के बीच बन रहे घाट
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि वाराणसी और बलिया के बीच 250 किलोमीटर में घाट विकसित किए जा रहे हैं। ये घाट यात्री और प्रशासनिक सुविधाओं से युक्त होंगे। इनसे नदी पर सामान और मुसाफिरों की आवाजाही संभव होगी। समय और लागत की बचत भी होगी। छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
कोची में परीक्षण के बाद कैटामारन जलयान को वाराणसी में तैनात किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की कामयाबी के आधार पर इस टेक्नोलॉजी को कार्गो वैसल, स्मॉल कंट्री क्राफ्ट आदि के लिए अपनाया जा सकेगा। इससे राष्ट्रीय जलमार्गों में प्रदूषण का स्तर घटाने में बहुत मदद मिलेगी।
समझौते के तहत कोचिन शिपयार्ड 8 हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामारन जलयानों का निर्माण भी करेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 130 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। 50 पैक्स क्षमता वाले जलयान वाराणसी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन और गुवाहाटी में तैनात किए जाएंगे।