जिले के 1107 प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में पिछले दिनों सैनिटाइजर, झाड़ू, मग, टॉयलेट क्लिनर, ब्रश, फिनाइल आदि बांटे गए। इनमें से सैनिटाइजर का एक्सपायरी डेट दिसंबर 2022 है। पांच दिन बाद यह एक्सपायर हो जाएगा। इसे देखते हुए स्कूलों के प्रधान पाठक और प्राचार्य उसे लौटा रहे हैं। स्कूलों में 5-5 लीटर वाले केन में सैनिटाइजर दिया गया है। इसके अलावा टॉयलेट क्लीन करने के लिए दिए गए ब्रश की भी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। स्कूलों से इसे लौटाए जा रहे हैं।
5 लीटर के प्रत्येक केन खरीदे गए 2500 रुपए में
दुर्ग बोरसी स्थित एक साइंस प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी से सैनिटाइजर की खरीदी की गई। केन में दिए विवरण के अनुसार प्रत्येक केन 5-5 लीटर के हैं। उसमें अधिकतम कीमत 2500 रुपए लिखा है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग डेट जून 2021 और एक्सपायरी डेट दिसंबर 2022 लिखा है। इसका बैच नंबर एजी-50 है। इसमें यह भी लिखा है कि इसे बच्चों और आंखों के सीधे संपर्क से दूर रखें। इसे किसी अन्य सामाग्री के साथ न मिलाया जाए। दिसंबर शुरू होने में अभी 5 दिन ही बचे हैं। 5 दिन बात सैनिटाइजर किसी काम का नहीं रहेगा।
स्कूलों के लिए विकासखंड स्तर पर मिलता है अनुदान
जानकारों का कहना है विकासखंडों में प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों के आधार पर आवंटन भेजे जाते हैं। प्राइमरी और मिडिल स्कूल के लिए प्रत्येक विकासखंड को 6.48 – 6.48 लाख रुपए दिए गए। इस तरह यह राशि 19.44 लाख रुपए होती है। इसी तरह सभी हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में बाल्टी, मग्गे, सैनिटाइजर, टॉयलेट क्लीनर समेत अन्य सामान के लिए 30 लाख रुपए आते हैं। इस रकम से स्कूलों में बांटे गए सारे सामान की खरीदी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से की गई।