​​​​​​​इलाहाबाद हाईकोर्ट में QR कोड से रिश्वत:कमर में लगा रखा था स्कैनर, चीफ जस्टिस ने सस्पेंड किया

KHABREN24 on December 2, 2022

इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक कर्मचारी का वकीलों से पैसे लेने की फोटो वायरल हो रही है। इसमें अर्दली कोर्ट के अंदर अपनी कमर में पेटीएम का क्यूआर कोड लगाए दिख रहा है।

इतना ही नहीं कुछ वकील उसके बार कोड को स्कैन कर बख्शीश देते भी दिखाई दे रहे हैं। मामला सामने आने के बाद चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अर्दली को सस्पेंड कर दिया है।

फोटो में कर्मचारी कमर में पेटीएम क्यू आर कोड लगाए हुए दिखाई दे रहा है।

फोटो में कर्मचारी कमर में पेटीएम क्यू आर कोड लगाए हुए दिखाई दे रहा है।

कर्मचारी को हाईकोर्ट के नजारत विभाग से अटैच किया गया
निलंबन आदेश में कहा गया है कि बंडल लिफ्टर राजेंद्र कुमार-1 को परिसर में पेटीएम वॉलेट उपयोग करने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि के दौरान राजेंद्र कुमार इलाहाबाद हाईकोर्ट के नजारत विभाग से अटैच कर दिए गए हैं। राजेंद्र कुमार को बिना अनुमति के प्रयागराज ना छोड़ने का आदेश दिया गय

29 नवंबर को फोटो सामने आई थी
कर्मचारी के रिश्वत लेने की फोटो 29 नवंबर को सामने आई थी। फिलहाल, हाईकोर्ट में बख्शीश लेने के इस नए तरीके ने कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं।

हाईकोर्ट में यह परंपरा पुरानी
इलाहाबाद हाईकोर्ट में बख्शीश कोई नई बात नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, जब भी किसी एडवोकेट के फेवर में फैसला आता है, तो जमादार बख्शीश मांगते हैं। एडवोकेट्स अपने शौक से कुछ रुपए बतौर बख्शीश जमादार को दे देते हैं। बंडल लिफ्टर राजेंद्र कुमार-1 को इसे संस्थागत रूप देना महंगा पड़ गया। जैसे ही उन्होंने कमर में पेटीएम का क्यूआर कोड लगाया। वैसे ही लोगों ध्यान उस तरफ गया और किसी ने फोटो खींच ली।

सूत्रों के मुताबिक, कई बार चेंज की दिक्कत आती थी, इसीलिए राजेंद्र कुमार ने पेटीएम का क्यूआर कोड ही कमर में लगा लिया, ताकि कोई वकील चेंज न होने का बहाना न बना सके।

बच्चियों से रेप बर्दाश्त नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को 8 साल की बच्ची के साथ हुए रेप मामले में बड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा, ‘मासूम बच्ची रेप और उसके दुष्परिणाम नहीं जानती। भारत में बच्चियों की पूजा की जाती है। इसके बावजूद बच्चियों से छेड़छाड़ और रेप के अपराध दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। इससे लड़कियां मानसिक उत्पीड़न और डिप्रेशन की शिकार हो रही हैं।

पॉक्सो कानून कड़ा, पर लागू करने में सही दृष्टिकोण जरूरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अपराध कानून को गणित की तरह लागू नहीं किया जा सकता। कानून का इस्तेमाल सार्थक और बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कठोर पॉक्सो कानून नाबालिग लड़की को यौनाचार के अपराध से संरक्षण देने के लिए जरूरी है। अपराध भले ही गंभीर है, लेकिन इसे सार्थक ढंग से लागू किया जाना चाहिए। 

आजकल झूठ बोलने की प्रथा बढ़ी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि आजकल समाज में झूठ बोलने की प्रथा उच्चस्तर पर बढ़ गई है। रेप का आरोप लगाने से समाज में याची की छवि धूमिल हुई है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और रेप में शामिल होने के कारण उन्हें बदनामी का सामना करना पड़ा। उन्होंने समाज में सम्मान खो दिया, जबकि समाज में सभी को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। आरोपी को इस आधार पर बरी कर दिया जाता है कि पीड़िता से दुश्मनी हो गई है। उसके खिलाफ कलंक कुछ हद तक धुल सकता है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है।

Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x